• Latest
  • Trending
कश्मीर में फ़ैल रहा हाइब्रिड आतंकवाद

कश्मीर में फ़ैल रहा हाइब्रिड आतंकवाद

August 30, 2022

लॉरेंस बिश्नोई ने हत्या के पीछे खालिस्तानी आतंकवादी का हाथ बताया जानिए पूरा मामला।

September 21, 2023
उत्तराखंड वन मंत्री का खुलासा: सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी सरकार

उत्तराखंड वन मंत्री का खुलासा: सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी सरकार

September 21, 2023

भारत के सबसे अमीर गांव के बारे में जानिए , जिसने आत्मनिर्भरता की अलग ही मिसाल कायम कर रखी है।

September 20, 2023
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस आज, कांग्रेस की तरफ से बोलेंगी सोनिया

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस आज, कांग्रेस की तरफ से बोलेंगी सोनिया

September 20, 2023

शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में दिलाई गई स्वच्छता शपथ

September 19, 2023
कोटद्वार-दिल्ली रात्रि रेल सेवा जल्द शुरू होने की संभावना! रेल मंत्री से मिले अनिल बलूनी

कोटद्वार-दिल्ली रात्रि रेल सेवा जल्द शुरू होने की संभावना! रेल मंत्री से मिले अनिल बलूनी

September 19, 2023

शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में पंच प्रण और स्वच्छता शपथ दिलाई गई

September 18, 2023

(चलो चले टीबी को हराने) को दिखाई हरी झंडी जानिए पूरी जानकारी.

September 17, 2023

उत्तराखंड का खतड़ुवा पर्व जानिए क्या है।

September 17, 2023

चार साल तक सिंचाई के बाद उगता है ये चाईनीज बांस।

September 16, 2023
खुलासा: देश में करोड़ों बच्चे आज भी अत्यंत गरीबी में जीने को मजबूर

खुलासा: देश में करोड़ों बच्चे आज भी अत्यंत गरीबी में जीने को मजबूर

September 16, 2023

“प्रसारण और केबल सेवाओं के लिए नियामक ढांचे की समीक्षा”

September 15, 2023
Thursday, September 21, 2023
  • Login
Retail
  • Home
  • India
  • World
  • Health
  • Education
  • Sports
  • Politics
  • Entertainment
  • Crime
  • Fact Check
  • Viral Video
  • Daily Post Special
No Result
View All Result
The DailyPost 24
No Result
View All Result

कश्मीर में फ़ैल रहा हाइब्रिड आतंकवाद

by News Desk
August 30, 2022
in terrorism
कश्मीर में फ़ैल रहा हाइब्रिड आतंकवाद
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter
जम्मू कश्मीर में सीमा पार से आतंक के बिलकुल नए तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है. पाक परस्त आतंकी संगठनों ने इस नए तरीके का इस्तेमाल चंद महीने पहले ही शुरू किया है. पुलिस प्रशासन आतंक के इस नए और बेहद खौफनाक तरीके को हाइब्रिड आतंकवाद कहती है. भारत के प्रतिष्ठित मीडिया चैनल ने दावा किया है कि खुफ़िया एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक 11 अगस्त को हुए जम्मू आत्मघाती हमले की जांच कर रही खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी संगठनों की खौफनाक साजिश का पता चला है.
आज हम आपको बताएंगे कि कैसे हाइब्रिड आतंकवाद ने सुरक्षा एजेंसियों को बेचैन कर दिया है. जम्मू और कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद करीब आधा दर्जन नए प्रॉक्सी आतंकी संगठन बने हैं जो हाइब्रिड आतंकवाद के सहारे टारगेट किलिंग और आतंकी हमला करने में जुटे हैं. खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि इनके नाम पीएफएफ यानी पीपुल एंटी फासिस्ट फ्रंट, टीआरएफ यानी द रेसिस्टेंस फ्रंट, आईएसआईएस कश्मीर, अंसार उल गजावत हिंद, कश्मीर टाइगर्स और कश्मीर फ्रीडम पार्टी हैं.
कुछ इस्लामिक नामधारी मसलन अल किसास, अल जेहाद, मुस्लिम जंगबाज फोर्स और मरकजुल वाल अरशद का भी समावेश है. यह सब पहले से मौजूद आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के ही मुखौटा (फ्रंट) हैं. भारतीय सुरक्षा बलों को इनमें से कुछ संगठनों की पहचान कर उनके आतंकवादियों का खात्मा करने में सफलता मिली है. लेकिन खतरा बढ़ता जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर में डेढ़ साल में करीब 60 लोगों की ‘टारगेट किलिंग में जान जा चुकी है. इस साल ही दो दर्जन लोग टारगेट किलिंग का शिकार हो चुके हैं. अब तक की जांच के मुताबिक इन सब वारदातों में प्रॉक्सी आतंकी संगठन का हाथ रहा है.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में प्रॉक्सी आतंकी संगठन हाइब्रिड आतंकवाद का सहारा लेकर टारगेट किलिंग आत्मघाती हमले जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. नवगठित मुखौटा आतंकी संगठन या कहें कि प्रॉक्सी आतंकी संगठन न केवल काफी हद तक आकारहीन है.
कैसे करते हैं काम
अभी तक ये सांगठनिक रूप से ऑफ द रिकॉर्ड हैं. यह छोटे-छोटे सेल में ऑपरेट करते हैं और अपने मूल पैतृक संगठन की तरह बड़ा संगठन नहीं रखते. इसी तरह अब यह पहले की तरह सोशल मीडिया पर गुरिल्ला पोशाकों में आकर हाथ में बंदूक लेकर अपने विद्रोह को सार्वजनिक नहीं करते, बल्कि अब ये रंगरूट गुपचुप तरीके से गुमनामी में रहकर वारदात को अंजाम देते हैं.
इनका पता उसी वक्त चलता है जब कोई इनकी सूचना देता है या फिर तकनीक के सहारे इनके बारे में पता लगाया जाता है. अधिकांश नए रंगरूटों को अच्छा प्रशिक्षण नहीं दिया जाता. इन्हें केवल हैंडगन से फायरिंग कर भाग जाने का गुर सिखाया जाता है. आमतौर पर यह ‘सॉफ्ट’ टारगेट को निशाना बनाते हैं (निहत्थे नागरिक या ऑफ ड्यूटी सुरक्षाकर्मी).
इनके पास बड़े हमले करने की क्षमता नहीं होती है. जम्मू-कश्मीर पुलिस (जेकेपी) इस नई व्यवस्था को ‘हाइब्रिड’ टेररिज्म कहती है. इसमें शामिल लोग आमतौर पर नॉर्मल जिंदगी जीने वाले होते हैं. ये छात्र, नौकरीपेशा या अपने परिवार के साथ रहने वाले हो सकते हैं और ज्यादातर इनका कोई पुलिस रिकॉर्ड भी नहीं होता. इन्हें ऑपरेशन विशेष के लिए ‘एक्टिव’ किया जाता है.
इससे निपटने के बाद ये आम जिंदगी में लौट जाते हैं. चूंकि ये सुरक्षा बलों के रडार पर नहीं होते, इसलिए उनकी शिनाख्त करना बेहद मुश्किल हो जाता है. इस नए हाइब्रिड टेररिस्ट मॉड्यूल को ग्राउंड के ऊपर के कार्यकर्ता मसलन शिक्षा, सिविल सर्वेंट्स, अधिवक्ता, प्रोफेशनल्स, पत्रकार और व्यापारी सहायता करते हैं. ग्राउंड के ऊपर रहने वाले सहायक इन्हें नैतिक समर्थन, वित्तीय समर्थन देकर इनकी ओर से सूचना का युद्ध लड़ने का काम करते हैं.
आतंकियों की बढ़ी संख्या
निहत्थे लोगों की ये हत्याएं, ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) के जरिए कराई गई हैं, जिससे आकाओं की रणनीति उजागर किए बगैर आतंकवादी वारदातों को अंजाम देने में सफलता मिले. प्रॉक्सी संगठनों के जरिए हाइब्रिड आतंक का खतरा कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ सालों से लोकल टेररिस्ट्स की संख्या बढ़ रही है.
 आठ मई तक के अपडेट आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में 187, 2019 में 121, 2020 में 181, 2021 में 142 और 2022 में 28 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों का हिस्सा बने. इधर, कश्मीर में पिछले 4 महीने में 460 से ज्यादा आतंकी मुठभेड़ में मारे गए हैं. हालांकि आतंक पर जीरो टॉलरेंस की नीति वाली सरकार ने ओवरग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है और 2019 में 372, 2020 में 277, 2021 194 और इस साल अप्रैल तक 48 इस तरह के वर्कर्स गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
हाइब्रिड आतंकवाद का खतरा इतना बड़ा है कि सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं. टारगेट किलिंग की अब तक की घटनाओं की जांच में हाइब्रिड आतंकवाद की भूमिका ही पाई गई है.

यह भी पढ़ें 👉

अब उत्तराखण्ड के गांवों में भी होगी पर्यटकों की चहलकदमी।

ट्रेन अग्निकांड के पीछे टेरर एंगल को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, नोट्स में लिखे थे ‘कुर्फ़’ और ‘रोशन होने’ जैसे शब्द

ShareSendTweet

Search news in news box

No Result
View All Result

Category

  • accident
  • Astrology
  • Business
  • Covid-19
  • Crime
  • Daily Post Special
  • Defense
  • Delhi
  • Economy
  • Education
  • Entertainment
  • Environment
  • Fact Check
  • Health
  • horoscope
  • India
  • jobs
  • Law
  • Nainital
  • others
  • POLICE
  • Politics
  • RBI
  • Religion
  • Science
  • Sports
  • States
  • Technology
  • terrorism
  • uttarakhand
  • Uttarkashi
  • uttarprdesh
  • uttrakhand
  • Viral Video
  • WAR
  • weather
  • World
  • झारखंड
  • धर्मनगरी हरिद्वार
  • पटना
  • प्रशासन
  • बदरीनाथ धाम
  • बिहार
  • शिक्षा

Contact Us

Deewan Singh
Editor

Address : H.No.-16, Khatalgoan, Almora, Uttarakhand-263661
Contact : +91-9540960425
Email : editorthedailypost24@gmail.com
Website:www.thedailypost24.com

Privacy Policy  | Terms & Conditions

© 2021 thedailypost24.com

  • Login
No Result
View All Result
  • Home
  • India
  • World
  • Health
  • Education
  • Sports
  • Politics
  • Entertainment
  • Crime
  • Fact Check
  • Viral Video
  • Daily Post Special

© 2021 expose24x7india.com

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In