गुलदार के खौफ से जहां पुरा गांव दहशत में है, तो वहीं चार साल की मासूम ने जिस हिम्मत के साथ अपने तीन भाई बनहों कों गुलदार के मूंह से खींच कर नई जिंदगी दी है, जबकि एक भाी को बचाने में मासूम बच्ची नाकाम रही, लेकिन फिर भी डट कर मासूम बच्ची ने गुलदार का सामना किया और खुद की जान बचाने के साथ ही तीन भाई बहनों की भी जान बचाई, ये पुरैा मामला हे देहरादून के विकासनगर का।
चार साल की मासूम बच्ची की हिम्मत को सलाम, यूं तो गुलदार को देखते ही हाथ पैर फूल उठते हैं और भागने के अलावा कोई रास्ता नहीं सूझता, लेकिन चार साल की नाजिया ने गुलदार के सामने ना सिर्फ अपनी जान बचाई बल्कि गुलदार के सामने से अपने अन्य तीन भाई बहनों को भी बचा लिया, लेकिन एक भाई को बचाने में नाजिया नाकामयाब रही, जिसे गुलदार अपने मूंह में दबा कर जंगल में भाग गया, दरअसल विकासनगर में गुलदार का लगातार खौफ बना हुआ है यहां आंगन में पांच चचेरे भाई-बहन खल रहे थे सभी की उम्र चार से आठ साल के बीच है। अचानक जंगल से एक गुलदार आया और बच्चों के चारों ओर गोल-गोल चक्कर लगाने लगा। उनमें सबसे बड़ी आठ साल की नाजिया ने हिम्मत से काम लिया और डरकर भागने के बजाय तीन भाइयों को मौत के मुंह से खींच ले गई। हालांकि, चार साल के एक मासूम को गुलदार उसकी नजरों के सामने से उठा ले गया।
घटना शनिवार देर शाम की है जहां गुलदार के हमले की चश्मदीद नाजिया के चेहरे पर अब भी खौफ बरकरार है। बात करते-करते बीच-बीच में वह रोने लगती है। घर वाले चुप कराते हैं तो बताती है कि किस तरह घर में गुलदार आया और उसके साथ खेल रहे मामा के चार साल के बेटे अहसान को उठाकर ले गया। नाजिया ने बताया कि वो अपने पास खेल रहे वसीम, नदीम और नसीम को दोनों हाथों से पकड़कर घर के भीतर की तरफ खींचना शुरू किया। उनको अंदर करने के बाद पीछे मुड़कर देखा तो गुलदार ने अहसान के पेट को अपने मुंह में जकड़ा हुआ था। नाजिया बताती है कि तुरंत गुलदार ने अहसान को जमीन पर पटका और उसकी गर्दन पकड़कर बाग की तरफ भाग खड़ा हुआ। सामने मौजूद घर के सदस्य गुलदार के पीछे दौड़े लेकिन कुछ पता नहीं चला।