04/11/2022, इमरान खान पर हमला : पाकिस्तान की सियासत में उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. पाकिस्तान में 4 नवंबर किसी अनहोनी की आशंका जताई गई थी, हालांकि तब शहबाज शरीफ की सरकार के मंत्री और पीएमएल (एन) के नेताओं ने इमरान खान को घेरने की कोशिश की थी, पर इमरान खान पर चली गोली के बाद मानो बाजी पलट गई. पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व पीएम इमरान खान अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले (Imran Khan Assassination attempt) के बावजूद शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली सरकार पर जल्द चुनाव कराने का दबाव बनाने के लिए अपना राजनीतिक संघर्ष जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध बने हुए हैं. उनकी पार्टी पीटीआई ने कुछ देर पहले यह जानकारी दी है.
इमरान खान की हत्या की कोशिश
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में विरोध मार्च के दौरान एक बंदूकधारी ने खान (70) को ले जा रहे ट्रक पर गोली चला दी, जिससे खान के पैर में गोली लग गई थी. इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई है. खान की पार्टी का दावा है कि यह इमरान खान की ‘हत्या का प्रयास’ था.
सरकार पर गंभीर आरोप
खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के एक वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने आरोप लगाया कि यह ‘यह हमला खान पर एक सुनियोजित हत्या का प्रयास था और वह बाल-बाल बच गए. हमला किसी नौ एम.एम. की पिस्तौल से नहीं बल्कि एक स्वचालित हथियार से किया गया.’पुलिस ने कहा था कि हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि सात घायल हो गए. हालांकि, ‘डॉन’ अखबार ने शुक्रवार को कहा, एक व्यक्ति की मौत के अलावा 14 लोग घायल हुए हैं.
हर हाल में जारी रहेगा मार्च
पीटीआई पार्टी के अनुसार, लाहौर में खान द्वारा बनवाए गए शौकत खानम अस्पताल में उनकी सर्जरी की गई और अब वे खतरे से बाहर हैं. पार्टी ने यह भी कहा कि खान विरोध मार्च जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर खान के हवाले से कहा गया, ‘मैं नहीं झुकूंगा, लेकिन अपने साथी पाकिस्तानियों के लिए ‘हकीकी आज़ादी’ हासिल करने के वास्ते दृढ़ रहूंगा.’ यह मार्च शुक्रवार को सुबह 11 बजे वजीराबाद से फिर से बहाल किया जाएगा. गौरतलब है कि पाकिस्तान में राजनीतिक हत्याओं के पीछे सेना का हाथ होने की बातें कही जाती रही हैं. पाकिस्तान में जिस किसी ने भी सेना (Army) का विरोध करने की हिमाकत की वो हटा दिया गया या फिर मिटा दिया गया.
जेल गए बड़े ‘शरीफ’
पूर्व PM नवाज शरीफ को जेल जाना पड़ा था, हालांकि वो मौका पाते ही इलाज के नाम पर लंदन गए और अभीतक नहीं लौटे. अब उन्हीं के भाई शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ इमरान खान ने मध्यावधि चुनाव के नाम पर मुल्क की सियासत को हिलाकर रख दिया है.