अमेरिकी सरकार से पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिलना बड़ी डील क्यों है, साथ ही जानेंगे कि ये भारत की पीठ में छुरा घोंपने जैसा क्यों है?
पाकिस्तान को अमेरिका से मिलने वाली मदद इन 3 वजहों से बड़ी डील है…
1. पाकिस्तान एशिया में चीन के सबसे बड़े कर्जदारों में से एक है। इकोनॉमिक सर्वे ऑफ पाकिस्तान 2021-22 की रिपोर्ट में भी बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान पर चीन का टोटल 6.97 लाख करोड़ रुपए कर्ज है। ऐसे में संभव है कि चीन के करीब जा रहे पाकिस्तान को अपने पाले में करने के लिए अमेरिका मदद कर रहा है।
2. इमरान खान ने इस्तीफा देने से पहले अमेरिका पर आरोप लगाया था कि ‘स्वतंत्र विदेश नीति की वजह से US ने साजिश रचकर उनकी सरकार गिराई।’ अगस्त 2018 में इमरान के सत्ता में आने के बाद से ही अमेरिका के साथ पाकिस्तान का रिश्ता खराब हो गया था। ऐसे में बाइडेन ने ट्रंप का जो फैसला पलटा है, उसे बड़ी वजह मानी जा रही है।
3. सत्ता में आने के बाद PM शहबाज शरीफ ने कहा कि ‘अमेरिका के साथ दुश्मनी बिल्कुल नहीं रख सकता। बुरे वक्त में अमेरिका ने पाकिस्तान का साथ दिया है।’ ऐसे में नई सरकार आते ही अमेरिका का पाकिस्तान के लिए बदला रुख हर किसी को हैरान कर रहा है। इसके पीछे शरीफ परिवार के अमेरिका से नजदीकी को बताया जा रहा है।
पाकिस्तान के लिए क्यों अहम है ये मदद, 3 पॉइंट में समझते हैं:
1. 39 साल पुराने फाइटर जेट के अपग्रेडेशन के लिए पाकिस्तान को मिला पैसा
1983 से पाकिस्तानी एयरफोर्स के बेड़े में F-16 फाइटर जेट शामिल है। अब 39 साल बाद इस फाइटर जेट को मेंटनेंस की जरूरत महसूस हुई, तो कमजोर इकोनॉमी और विदेशी कर्जों तले दबे पाकिस्तान के लिए ये खर्च उठाना मुश्किल हो रहा था।
ऐसे में पाकिस्तान ने अमेरिका से मिलिट्री अपग्रेडेशन और F-16 के मेंटनेंस के लिए मदद मांगी थी। इसके बाद ही अमेरिका की जो बाइडेन सरकार ने 3580 करोड़ पाकिस्तान को देने का फैसला किया है। हालांकि, अमेरिका ने फाइटर जेट के अपग्रेडेशन के अलावा किसी तरह के हथियार और युद्ध सामग्री देने की बात से इनकार किया है।
2. अपग्रेडेशन से बढ़ेगी F-16 के रडार और जैमिंग की क्षमता
अमेरिकी रक्षा विभाग यानी पेंटागन के मुताबिक F-16 के अपग्रेडेशन का मतलब इस विमान को नए सिरे से आधुनिक बनाना है। इसके जरिए विमान में ये 4 बदलाव किए जाएंगे…
1. 1980 में बने F-16 में APG-68 रडार लगा होता था, लेकिन अब APG-83 AESA जैसे आधुनिक रडार को इसमें लगाया जा सकता है। जो लंबी दूरी को कवर करता है।
2. F-16 के इंजन को पहले से अधिक ताकतवर और मॉडर्न बनाया जाएगा।
3. इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की क्षमता को बढ़ाना अपग्रेडेशन का मुख्य उद्धेश्य है। इसके लिए F-16 में मिसाइल, हथियार और जैमिंग की क्षमता को बढ़ाने के लिए इसमें मॉडर्न इक्विपमेंट्स लगाए जाएंगे।
4. F-16 फाइटर जेट के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जाएगा।
3. 4 साल बाद पाकिस्तान को अमेरिका से मिला रक्षा सहयोग
2018 में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 16 हजार करोड़ रुपए की सुरक्षा सहायता को रोकने का ऐलान किया था। इसके पीछे अमेरिकी सरकार ने तर्क दिया था कि ‘पाकिस्तान, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क आतंकवादी संगठन को खत्म करने में असफल रहा है।’
अब 4 साल बाद जो बाइडेन ने पाकिस्तान की काउंटर टेररिज्म क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक बार फिर से रक्षा सहयोग शुरू करने का ऐलान किया है।
IAF में कम हो रहे स्क्वाड्रन के बीच भारत के लिए ये चिंता की खबर है
भारत सरकार ने अमेरिका के इस फैसले पर कहा, ‘इससे दोनों देशों की क्षमता में असहजता आएगी। भारत सरकार को उम्मीद है कि अमेरिका भारत के सुरक्षा हितों का ध्यान रखेगा।’ US इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में एशिया मामलों के एक्सपर्ट डैनियल मार्के ने डॉन को बताया है कि F-16 को ऑपरेशनल बनाए रखने के लिए अमेरिका ने ये जरूरी फैसला लिया है।’
इन वजहों से भारत के लिए ये अच्छी खबर नहीं है…
पहला: अपग्रेड होने के बाद F-16 फाइटर जेट की लड़ाकू क्षमता बढ़ जाएगी।
दूसरा: कई सालों से पाकिस्तान के 85 F-16 फाइटर जेट भारत के लिए कोई महत्व नहीं रखते थे, लेकिन अब ये भारत को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार हो जाएंगे।
तीसरा: अब जब भारतीय एयरफोर्स अपने कम होती लड़ाकू स्क्वाड्रन की संख्या से परेशान है। ऐसे में पाकिस्तान एयरफोर्स की बढ़ती क्षमता भारत के लिए निश्चित तौर पर अच्छी खबर नहीं है।
इस डील के पीछे शरीफ परिवार का अमेरिका से क्या कनेक्शन है, 4 किस्सों से शरीफ परिवार की US से दोस्ती को जानते हैं…
पहला किस्सा: रूस के खिलाफ पाकिस्तान US का सबसे अच्छा दोस्त बना
दिसंबर 1979 से फरवरी 1989 के दौर को अफगानिस्तान में सोवियत युद्ध के तौर पर जाना जाता है। इस दौरान अफगानिस्तान सरकार के साथ मिलकर रूस मुजाहिदीनों के खिलाफ जंग लड़ता था।
1989 की बात है जब अफगानिस्तान से रूस को भगाने के लिए पाकिस्तान और अमेरिका साथ जंग लड़ रहे थे। ब्रुकिंग्स वेबसाइट ने अपनी एक रिपोर्ट में सोवियत रूस को अफगानिस्तान से खदेड़ने में नवाज शरीफ को अमेरिका का मुख्य सहयोगी बताया है।
दूसरा किस्सा: अमेरिका ने शरीफ को ताउम्र कैद की सजा से बचाया
12 अक्टूबर 1999 की बात है। कई मतभेदों के चलते नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को सेनाध्यक्ष के पद से हटाने का फैसला किया था। तब बदला लेने के लिए परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान में लोगों द्वारा चुनी गई सरकार का तख्तापलट कर दिया था।
तीसरा किस्सा: शरीफ सरकार बचाने के लिए US ने दी पाबंदियों की धमकी
2014 में अमेरिका एक बार फिर नवाज शरीफ के समर्थन में खुलकर सामने आया था। इस बार मामला यह था कि पाकिस्तान में लगातार हो रहे आंदोलनों के चलते फिर से तख्तापलट की सुगबुगाहट होने लगी थी। इमरान खान लगातार देशभर में घूम कर प्रदर्शन कर रहे थे।
चौथा किस्सा: 2015 में ओबामा के निमंत्रण पर अमेरिका पहुंचे थे शरीफ
सितंबर 2015 की बात है। नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरा पर गए थे। इस समय नवाज शरीफ भी अमेरिका में ही थे। नरेंद्र मोदी से मुलाकात के ठीक बाद नवाज शरीफ ने ओबामा से मुलाकात की थी।ओबामा और शरीफ ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कश्मीर मामले में भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को एक बार फिर से शुरू करने की बात कही थी।
भारत कश्मीर मामले में किसी तीसरे पक्ष की एंट्री का विरोध करता है। ऐसे में अमेरिका और पाकिस्तान के संयुक्त बयान को भारत पर दबाव के तौर पर देखा गया था।