मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में पिटकुल द्वारा 220 के0वी0 जाफरपुर-रूद्रपुर रेलवे लाईन तथा 132 के0वी0 पिथौरागढ़-लोहाघाट जनपद चम्पावत लाईन को ऊर्जीकृत किया गया है। इस उपलक्ष्य में पिटकुल प्रबन्ध निदेशक पी0सी0 ध्यानी द्वारा टीम के साथ मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये पुष्प-गुच्छ भेंट कर एवं माल्यापर्ण कर सम्मानित किया गया। प्रबन्ध निदेशक, पिटकुल को कार्यों के शीघ्र सम्पादन हेतु निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया। प्रबन्ध निदेशक द्वारा मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन एस0एस0 सन्धू, अध्यक्षा पिटकुल राधा रतूड़ी एवं सचिव (ऊर्जा) मीनाक्षी सुन्दरम के द्वारा समय-समय पर दिये गये मार्गदर्शन के कारण उक्त कार्य शीघ्र सम्पादित होने पर आभार व्यक्त किया गया।
जाफरपुर-रुद्रपुर रेलवे पारेषण लाईन का निर्माण कार्य किसानों के भारी विरोध व विषम परिस्थितियों के कारण काफी समय से लंबित था जिन कारणों से परियोजना पूर्ण नहीं हो पा रही थी। प्रबन्ध निदेशक, पिटकुल के लगातार स्थलीय निरीक्षण, अनुश्रवण तथा लाईन निर्माण हेतु आवश्यक तकनीकी परिवर्तन के सम्बन्ध में लाईन के रूट परिवर्तन का निर्णय कराकर लाइन के निर्माण का कार्य शीघ्र संपादित करवाया गया। उपरोक्त कार्य रेलवे लाइन के विद्युतीकरण के लिये बहुप्रतीक्षित था, जिसका भारत सरकार के स्तर से लगातार अनुश्रवण किया जा रहा था। उक्त के पूर्ण होने से उत्तराखंड में रेलवे विद्युतीकरण का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। उक्त रेलवे लाईन के ऊर्जीकरण से जीरो-कार्बन एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं महत्वपूर्ण 132 के0वी0 पिथौरागढ़-लोहाघाट (चम्पावत) पारेषण लाईन जिसकी लम्बाई 42 किमी है का निर्माण कार्य विगत 06 वर्षों से लम्बित था को भी पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक पी0सी0 ध्यानी के कुशल नेतृत्व में उनके द्वारा विभिन्न तकनीकी एवं स्थलीय समस्याओं का निराकरण करवाते हुये उक्त महत्वकांक्षी परियोजना को संशोधित तय तिथि से पहले पूर्ण कर लिया गया। इस परियोजना के पूर्ण होने से सम्पूर्ण चम्पावत जिले में लो-वोल्टेज व ट्रिपिंग की समस्याओं का निराकरण होगा।
जाफरपुर-रुद्रपुर रेलवे पारेषण लाईन का निर्माण कार्य किसानों के भारी विरोध व विषम परिस्थितियों के कारण काफी समय से लंबित था जिन कारणों से परियोजना पूर्ण नहीं हो पा रही थी। प्रबन्ध निदेशक, पिटकुल के लगातार स्थलीय निरीक्षण, अनुश्रवण तथा लाईन निर्माण हेतु आवश्यक तकनीकी परिवर्तन के सम्बन्ध में लाईन के रूट परिवर्तन का निर्णय कराकर लाइन के निर्माण का कार्य शीघ्र संपादित करवाया गया। उपरोक्त कार्य रेलवे लाइन के विद्युतीकरण के लिये बहुप्रतीक्षित था, जिसका भारत सरकार के स्तर से लगातार अनुश्रवण किया जा रहा था। उक्त के पूर्ण होने से उत्तराखंड में रेलवे विद्युतीकरण का कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। उक्त रेलवे लाईन के ऊर्जीकरण से जीरो-कार्बन एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं महत्वपूर्ण 132 के0वी0 पिथौरागढ़-लोहाघाट (चम्पावत) पारेषण लाईन जिसकी लम्बाई 42 किमी है का निर्माण कार्य विगत 06 वर्षों से लम्बित था को भी पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक पी0सी0 ध्यानी के कुशल नेतृत्व में उनके द्वारा विभिन्न तकनीकी एवं स्थलीय समस्याओं का निराकरण करवाते हुये उक्त महत्वकांक्षी परियोजना को संशोधित तय तिथि से पहले पूर्ण कर लिया गया। इस परियोजना के पूर्ण होने से सम्पूर्ण चम्पावत जिले में लो-वोल्टेज व ट्रिपिंग की समस्याओं का निराकरण होगा।