उत्तराखंड बदरीनाथ धाम में ईद-उल-अजहा त्यौहार को लेकर थाना बदरीनाथ में मुस्लिम समुदाय और हिंदू संगठनों के साथ-साथ बदरीनाथ व्यापार सभा, पंडा पुरोहित, तीर्थ पुरोहित और बदरीनाथ धाम में अलग-अलग कार्यों में लगे ठेकेदार और उनके मजदूरों के साथ बैठक आयोजित की गई। जिसमें धाम में बकरीद न मनाने और नमाज अदा न किए जाने को लेकर दोनों समुदायों के बीच सहमति हो गई है। पिछली साल बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य कर रहे गैर हिंदू मजदूरों का ईद के अवसर पर नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसके बाद से जनपद में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। किसी तरह पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ था। ऐसे में इस साल ऐसी कोई घटना न हो इस संबंध में पुलिस एहतियात बरत रही है। थाना बदरीनाथ के प्रभारी थानाध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद बिल्जवाण की मौजूदगी में आयोजित बैठक में पंडा समाज ने मांग की कि बदरीनाथ धाम में ईद की नमाज अदा नहीं होनी चाहिए क्योंकि यहां पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ईद की नमाज अदा करने की परंपरा नहीं है। वहीं अन्य लोगों ने भी कहा कि बदरीनाथ धाम हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। इसलिए नमाज जैसी अन्य धार्मिक गतिविधियां बदरीनाथ धाम में नहीं होनी चाहिए। बैठक में बदरीनाथ धाम के स्थानीय लोग, पंडा और तीर्थ पुरोहितों की बात सुनने के बाद पुलिस प्रशासन ने बदरीनाथ मास्टर प्लान के कार्य में मज़दूरी कर रहे गैर हिंदुओं से थाने में ही वार्ता कर बदरीनाथ धाम में ईद के अवसर पर नमाज अदा न करने का अनुरोध किया। जिस पर गैर हिंदुओं ने भी अपनी सहमति जताते हुए आगामी ईद को बदरीनाथ धाम से बाहर मनाने की बात कही। साथ ही गैर हिंदू लोगों ने भी सहमति जताते हुए कहा कि वह बदरीनाथ धाम से बाहर अन्य क्षेत्र में जाकर नमाज अदा करेंगे और ईद मनाएंगे। बता दें कि पुलिस प्रशासन ने मीटिंग रजिस्टर में भी इस बैठक को दर्ज कर सभी गैर हिंदुओं की सहमति को दर्ज किया है।