नई दिल्ली. केरल में एक एक्सप्रेस ट्रेन में आगजनी की घटना के पीछे टेरर एंगल को लेकर चल रही तफ्तीश में बड़ा खुलासा हुआ है. ट्रेन में आग लगाकर 3 लोगों को मारने के आरोपी शाहरुख सैफी से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह पहले एक यूट्यूबर था और उसने अपना एक यूट्यूब चैनल बना रखा था. लेकिन उसके यूट्यूब पर ज्यादा व्यूवर्स नहीं थे. जांच एजेंसी मान रही है कि सैफी के हैंडलर्स ने उसकी सोशल मीडिया गतिविधियों को देखते हुए उससे संपर्क किया होगा और उसे चरमपंथ की राह पर ले गए.
वहीं पुलिस को उसके पास से बरामद नोट्स में उर्दू के शब्द ‘कुर्फ़’ और ‘रोशन होने’ जैसे शब्द का जिक्र मिला है. उसके नोट्स में पहली लाइन लिख रखी थी- ‘DO IT Lets Do it’. ऐसे में जांच एजेंसियां अंदेशा जता रही है कि कहीं शाहरुख की मंशा कोई बड़ा हमला करने की तो नहीं थी.
जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सैफी से बरामद नोट्स के मुताबिक उसने पिछले साल जून महीने के आखिर से अपनी दिनचर्या बदल ली. इस दौरान उसके रहन-सहन का तरीका भी बदल गया. उसने सिगरेट पीने जैसी अपनी बुरी आदतें छोड़ दी थी और नमाज पढ़ने लगा था. सूत्रों के मुताबिक, सैफी परिवार ने भी बताया है कि वह पहले इतना धार्मिक नहीं था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से पांचों वक्त नमाज पढ़ने लगा था.
इस बीच जांच एजेंसियां सैफी के ट्रेन में बैठने से लेकर उसके वहां से भाग निकलने की सिलसिलेवार कड़ी तैयार कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में सैफी के खिलाफ UAPA की कार्यवाही को लेकर भी विचार किया जा रहा है. वहीं डॉक्टरों की एक टीम भी सैफी की मानसिक स्थिति का अध्ययन कर रही है, ताकि वो जांच एजेंसियों को गुमराह न कर पाए.
बता दें कि महाराष्ट्र के रत्नागिरी से पकड़े गए शाहरुख सैफी को केरल पुलिस गुरुवार सुबह सड़क मार्ग से कोझिकोड लेकर आई. सैफी पर आरोप है कि जब अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस पर रविवार, 2 अप्रैल को रात करीब 9:45 बजे कोझिकोड शहर को पार करने के बाद कोरापुझा रेलवे पुल पर पहुंची तब उसने कोई ज्वलनशील तरल डालकर अपने सह-यात्रियों को आग लगा दिया.
इस घटना में एक साल का बच्चा और एक महिला सहित तीन लोग कोझिकोड के एलाथुर रेलवे स्टेशन के पास पटरियों पर मृत पाए गए. पुलिस का मानना है कि आग के बाद वे ट्रेन से गिर गए होंगे या नीचे उतरने के प्रयास में गिरे होंगे. वहीं इस आगजनी में आठ अन्य यात्री घायल भी हुए थे.