दूसरे राज्यों के लोग भी अब जम्मू-कश्मीर के वोटर बन सकते हैं. अगर जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्य का कोई शख्स नौकरी, बिजनेस, मजदूरी या पढ़ाई कर रहा है, तो वह जम्मू-कश्मीर का वोटर बन सकता है. यह जानकारी राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त ने दी है, जिसके बाद राज्य की पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियों की बेचैनी बढ़ गई है और उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेता भड़के हुए हैं.
जुड़ेंगे 20-25 नए मतदाता
दरअसल परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में 20 से 25 लाख नए मतदाता जुड़ सकते हैं. राज्य में फिलहाल मतदाताओं की संख्या 76 लाख है, जो बढ़कर 1 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी. यहां तक तो सब ठीक है. लेकिन जम्मू-कश्मीर के नए मतदाता कौन होंगे, उसे लेकर विवाद शुरू हो गया है.
मुख्य चुनाव अधिकारी ने क्या कहा
मुख्य चुनाव अधिकारी के मुताबिक आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद जम्मू-कश्मीर में वोट देने के लिए डोमिसाइल यानि स्थायी निवासी होना जरूरी नहीं है. कहने का मतलब ये है कि अगर उत्तर प्रदेश का कोई निवासी जम्मू-कश्मीर में रह रहा है तो वो वहां का वोटर बन सकता है. यही नहीं, सेना या सुरक्षाबलों के जवान जो पीस स्टेशन में पोस्टेड हैं वो भी वोटर बन सकते हैं. जम्मू पीस स्टेशन है इसलिए बाहरी राज्यों के वो जवान जो यहां पोस्टेड हैं चाहें तो जम्मू के वोटर बन सकते हैं.
GOIs decision to defer polls in J&K preceded by egregious gerrymandering tilting the balance in BJPs favour & now allowing non locals to vote is obviously to influence election results. Real aim is to continue ruling J&K with an iron fist to disempower locals. https://t.co/zHzqaMseG6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 17, 2022
गर्मा गई राज्य की सियासत
बाहरी राज्यों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में वोटिंग का अधिकार दिए जाने की घोषणा के बाद उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि इससे सीधे-सीधे बीजेपी को फायदा होगा. जम्मू-कश्मीर में नई मतदाता सूची 25 नवंबर तक पूरी हो जाएगी.विधानसभा क्षेत्रों की संख्या भी 83 से बढ़कर 90 हो गई है. 600 मतदान केंद्र भी जोड़े गए हैं और अब जम्मू-कश्मीर में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 11,370 हो गई है. लेकिन गैर-स्थानीय लोगों को वोट देने के अधिकार के फैसले ने सूबे की सियासत को गर्मा दिया है.
महबूबा-उमर ने साधा निशाना
एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘क्या बीजेपी जम्मू-कश्मीर के असली मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत है? जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा तो इनमें से कोई भी चीज भाजपा की सहायता नहीं करेगी.’
Is the BJP so insecure about support from genuine voters of J&K that it needs to import temporary voters to win seats? None of these things will help the BJP when the people of J&K are given a chance to exercise their franchise. https://t.co/ZayxjHiaQy
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 17, 2022
वहीं बीजेपी पर हमलावर महबूबा मुफ्ती ने कहा, जम्मू-कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने का भारत सरकार का फैसला, पहले बीजेपी के पक्ष में संतुलन को झुकाने और अब गैर-स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देना चुनाव परिणामों को प्रभावित करना है. असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर बाहुबल से शासन जारी रखना है.