लखनऊ. उत्तर प्रदेश (UP) में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections-2024) के लिए राज्य की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. इस कड़ी में बीजेपी की पहली प्राथमिकता उन 14 सीटों को जीतने की है, जिनको पार्टी 2019 के लोकसभा इलेक्शन में जीतने में कामयाब नहीं हो सकी थी. इन 14 क्षेत्रों में पार्टी के दिग्गज नेताओं के कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाएंगे. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में 14 सीटें ऐसी हैं, जिनको 2019 में भाजपा जीत नहीं सकी थी. बहरहाल उपचुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) के असर वाली आजमगढ़ और रामपुर जैसी सीटों को जीतने के बाद पार्टी का मनोबल बढ़ा है.
राज्य की 80 सीटों में बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रायबरेली, घोसी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकर नगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, सहारनपुर और नगीना सीटों पर अभी भी गैर भाजपा दलों का कब्जा है. इनमें 10 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के, तीन सीटों पर सपा के सांसद और रायबरेली सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हारी हुई सीटों पर पार्टी ने अपनी ताकत, कमजोरी, चुनौतियों और खतरों का आकलन करने के लिए 4 केंद्रीय मंत्रियों नरेन्द्र सिंह तोमर, अन्नपूर्णा देवी, अश्विनी वैष्णव और जितेन्द्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है. ये मंत्री पहले चरण में इन क्षेत्रों का आकलन कर पार्टी को रिपोर्ट दे चुके हैं.
कद्दावर मंत्रियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
इन 14 सीटों पर संगठन और सरकार के बीच समन्वय बनाने के लिए संगठन के तजुर्बेकार भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य को लगाया गया है. बीजेपी से मिली जानकारी के मुताबिक नरेन्द्र सिंह तोमर को लालगंज, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती और रायबरेली, अन्नपूर्णा देवी को जौनपुर, गाजीपुर, घोसी, जितेन्द्र सिंह को मैनपुरी, संभल, मुरादाबाद और अमरोहा और अश्विनी वैष्णव को सहारनपुर, नगीना तथा बिजनौर लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी की तैयारियों को परखने और निगरानी की जिम्मेदारी मिली है. पिछले महीने लखनऊ में हुई भाजपा की कार्यसमिति में प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी. इस कड़ी में राजनीतिक, सामाजिक समीकरण साधने के साथ ही पार्टी ने केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी समूहों के साथ बैठक करने और कोर कमेटी, बूथ कमेटी से लेकर समाज के सक्रिय वर्गों से संवाद शुरू किया है.