एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना की मांग जोर पकड़ने लगी है. वैसे हर गैर-बीजेपी शासित राज्यों में विपक्ष ये मुद्दा उछाल रहा है. अब हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और गुजरात (Gujarat) में इस मामले को तूल दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की थी.
दरअसल, हर चुनाव में बीजेपी को अब पुरानी पेंशन स्कीम से मुकाबला होता है. वैसे कई राज्य अपने यहां ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) लागू करने के ऐलान कर चुके हैं. इनमें अधिकतर कांग्रेस शासित राज्य हैं. इस कतार में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब हैं. अब हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी चुनाव से पहले कांग्रेस और AAP ने चुनाव जीतने पर मतदाताओं को लुभाने के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने का वादा किया है.
निर्मला सीतारमण की दो टूक
इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का बड़ा बयान आया है. वित्त मंत्री ने कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ की मांग को ठुकरा दिया है. दरअसल, सीतारमण ने मीडिया से बात करते हुए पुरानी पेंशन व्यवस्था से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारें केंद्र से पैसा लौटाने के लिए कह रही हैं, कानून के तहत ऐसा नहीं हो सकता. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में जमा पैसा इसमें योगदान करने वाले व्यक्तियों का है. कानून के तहत राज्य सरकारें इसे नहीं ले सकती हैं, क्योंकि इसपर उसका कोई हक नहीं है. बता दें, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था शुरू करने के लिए केंद्र से NPS के तहत जमा कर्मचारियों के पैसों को लौटाने की मांग की है. जबकि इन दोनों राज्यों का कहना है कि केंद्र कर्मचारियों का पैसा नहीं रख सकता है.