नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में छठ पूजा की इजाजत नहीं मिलने पर सियाासत गरमा गयी है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छठ पूजा का पर्व नदी के तटों और मंदिरों सहित सार्वजनिक स्थलों पर मनाने पर रोक लगा दी है। पिछले साल भी कोविड-19 महामारी के चलते सार्वजनिक स्थानों पर छठ मनाने पर रोक लगाई गई थी। जैसे ही इसको लेकर आदेश जारी हुआ तो भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया था कि शहर में छठ पूजा पर रोक लगाकर केजरीवाल ने लाखों पूर्वांचलियों का अपमान किया है। इसपर अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अन्य दलों के नेताओं से अपील की कि वे छठ पूजा को लेकर राजनीति नहीं करें। उन्होंने साथ ही कहा कि नदियों के किनारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने पर रोक कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों की सुरक्षा के लिए लगाई गई है। आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल ने विरोधी दलों के नेताओं से आह्वान किया कि वे इसके बजाय कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को लेकर जागरूकता पैदा करने संबंधी सरकार की कोशिशों में शामिल हो। केजरीवाल ने कहा हम भी चाहते हैं कि जिंदगी पटरी पर लौटे और छठ पूजा का पर्व पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाना चाहिए लेकिन लोग जलाशय में खड़े होकर शाम और सुबह का अर्घ्य देते हैं। ऐसे में अगर एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो तो वह पानी के माध्यम से सभी को संक्रमित कर सकता है और यह एक बड़ा खतरा है।
Deewan Singh
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