नई दिल्ली। भारत सरकार ने 2014 से देश भर में 157 नए मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति दी है और इन परियोजनाओं पर कुल 17,691.08 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कार्य पूर्ण होने पर इन मेडिकल कॉलेजों में लगभग 16000 अंडरग्रेजुएट मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी। इनमें से 64 नए मेडिकल कॉलेजों के संचालित होने के साथ 6500 सीटें पहले ही सृजित की जा चुकी हैं। केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के तहत, केंद्र सरकार ने देश में एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकार या केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के लिए लगभग 2,451.1 करोड़ रुपये भी प्रदान किए हैं। भारत सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) के माध्यम से अधिक मानव संसाधनों के सृजन के उद्देश्य को निरंतर आगे बढ़ाया है, इससे चिकित्सा शिक्षा में न केवल समानता के मुद्दे और चिकित्सा देखभाल की उपलब्धता होगी अपितु भौगोलिक असमानता जैसे मुद्दों को भी हल किया जा सकेगा। देश में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकार/केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन:- देश के सरकारी कॉलेजों में 10,000 एमबीबीएस सीटें सृजित करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एमबीबीएस सीटों को बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकार/केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के लिए केंद्र प्रायोजित योजना लागू कर रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों और विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वित्त पोषण प्रणाली क्रमशः 90:10 और अन्य राज्यों के लिए 60:40 है, जिसकी ऊपरी सीमा लागत 1.20 करोड़ रुपये प्रति सीट है। 15 राज्यों में 48 कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। इन कॉलेजों में 3325 सीटों की वृद्धि के लिए केंद्रीय शेयर के रूप में 6719.11 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। नए पीजी विषयों को शुरू करने और पीजी सीटों में वृद्धि के लिए राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन:- इस पहल का शुभारंभ दो चरणों में किया गया है: योजना का पहला चरण ग्यारहवीं योजना अवधि में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्य/केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों को नई पीजी सीटें सृजित करने के लिए मजबूत और उन्नयन करना था। योजना के तहत 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 72 सरकारी मेडिकल कॉलेजों को 4058 पीजी सीटें बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत अब तक 1049.3578 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। योजना के दूसरे चरण का उद्देश्य देश के सरकारी कॉलेजों में पीजी की 4000 सीटें सृजित करना था। पूर्वोत्तर राज्यों और विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वित्त पोषण प्रणाली क्रमशः 90:10 और अन्य राज्यों के लिए 60:40 है, जिसकी ऊपरी सीमा लागत 1.20 करोड़ रुपये प्रति सीट है। इस योजना के तहत अब तक कुल 16 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 1741 सीटें बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत अब तक 694.534 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जा चुकी है। केंद्रीय क्षेत्र की इस योजना की परिकल्पना चिकित्सा क्षेत्र में जनशक्ति की कमी को दूर करने के साथ-साथ देश भर में प्रशिक्षित चिकित्सा जनशक्ति की उपलब्धता में भौगोलिक असंतुलन को दूर करने के लिए की गई थी। इस योजना द्वारा प्राप्त की जा रही महत्वपूर्ण उपलब्धि के तहत स्वास्थ्य पेशेवरों की उपलब्धता बढ़ाना, मेडिकल कॉलेजों के वितरण में मौजूदा भौगोलिक असंतुलन को ठीक करना, सस्ती चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देना, जिला अस्पतालों के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करना और सरकारी क्षेत्र में तृतीयक देखभाल में सुधार करना शामिल है।
Deewan Singh
Editor