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10 जनवरी, 1974 को भारतीय फिल्म उद्योग में गहरी जड़ें जमा चुके परिवार में जन्मे ऋतिक रोशन की किस्मत पहले से तय लग रही थी। उनके पिता राकेश रोशन एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता थे। ऋतिक ने 2000 में ब्लॉकबस्टर फिल्म “कहो ना… प्यार है” से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की, यह एक त्वरित हिट थी जिसने न केवल उनकी अभिनय क्षमता को प्रदर्शित किया बल्कि उन्हें उद्योग के नए दिल की धड़कन के रूप में भी चिह्नित किया।
फिल्मोग्राफ़ी:
ऋतिक की फिल्मोग्राफी विविध भूमिकाओं और शैलियों का एक टेपेस्ट्री है, जो एक अभिनेता के रूप में उनकी बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करती है। उनकी कुछ उल्लेखनीय फ़िल्में शामिल हैं:
1. कोई… मिल गया (2003): एक अभूतपूर्व विज्ञान-फाई फिल्म जिसने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग युवक के चित्रण के लिए प्रशंसा अर्जित की।
2. धूम 2 (2006): अपने असाधारण नृत्य कौशल के लिए जाने जाने वाले, ऋतिक के करिश्माई प्रदर्शन ने इस एक्शन से भरपूर ब्लॉकबस्टर में चार चांद लगा दिए।
3. जोधा अकबर (2008) ऐतिहासिक रोमांस जहां ऋतिक ने सम्राट अकबर का किरदार निभाया था, जो पीरियड ड्रामा में खुद को डुबोने की उनकी क्षमता का प्रदर्शन करता था।
4. जिंदगी ना मिलेगी दोबारा (2011): एक उभरती हुई फिल्म जिसने अन्य अभिनेताओं के साथ ऋतिक की मित्रता और जटिल पात्रों को संभालने की उनकी क्षमता को प्रदर्शित किया।
5. सुपर 30 (2019): आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए वंचित छात्रों को कोचिंग देने वाले गणितज्ञ आनंद कुमार के रितिक के चित्रण ने सार्थक भूमिकाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर किया।
नृत्य:
रितिक रोशन को अक्सर बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ डांसरों में से एक माना जाता है। डांस फ्लोर पर उनकी तरल चाल, त्रुटिहीन समय और बहुमुखी प्रतिभा ने नए मानक स्थापित किए हैं। चाहे वह “कहो ना… प्यार है” में प्रतिष्ठित डांस सीक्वेंस हो या “धूम 2” में हाई-एनर्जी मूव्स, ऋतिक का डांस बॉलीवुड ग्लैमर का पर्याय बन गया है।
पुरस्कार और सम्मान:
ऋतिक की प्रतिभा पर किसी का ध्यान नहीं गया, जिससे उन्हें अपने पूरे करियर में कई पुरस्कार मिले, जिनमें कई फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल हैं। कुछ उल्लेखनीय प्रशंसाओं में शामिल हैं:
1. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार – “कहो ना… प्यार है” (2001)
2. मुख्य भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार – “धूम 2” (2007)
3. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर क्रिटिक्स अवार्ड – “जोधा अकबर” (2009)
उनके नृत्य कौशल ने उन्हें विभिन्न पुरस्कार समारोहों में सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी और प्रमुख भूमिका में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार भी दिलाए हैं।
बॉलीवुड से परे
अपने अभिनय करियर के अलावा, ऋतिक रोशन विभिन्न परोपकारी गतिविधियों और समर्थन में भी शामिल रहे हैं, जिससे स्क्रीन पर और उसके बाहर भी उनका प्रभाव और मजबूत हुआ है।
बॉलीवुड में ऋतिक रोशन की यात्रा उनके लचीलेपन, बहुमुखी प्रतिभा और अपनी कला के प्रति समर्पण का प्रमाण है, जो उन्हें भारतीय सिनेमा में एक प्रिय और स्थायी व्यक्ति बनाती है।