नई दिल्ली। राष्ट्रीय संविधान दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम को नैशनल डेमोक्रैटिक टीचर्ज़ फ़्रंट (एनडीटीएफ) और सेंटर फ़ोर सोशल डिवेलप्मेंट (सीएसडी) द्वारा हंसराज कॉलेज ऑडिटॉरीयम में आयोजित किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर राज्य सभा मेम्बर सुशील कुमार मोदी और नैशनल सेक्रेटेरी भाजपा डॉ. अलका सिंह गुर्जर विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। नेशनल जांट जेनरल सेक्रेटेरी भाजपा वी सतीश, प्रिन्सिपल हंसराज कॉलेज डॉ. रमा शर्मा और सीन्यर भाजपा एवं आरएसएस लीडर राज कुमार भाटिया ने अपनी उपस्तिथि से मौक़े की शोभा को बढ़ाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी ने की। इसमें विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यों, वरिष्ठ प्राध्यापकों, प्राध्यापकों, शिक्षकों और विद्वानों ने भाग लिया। स्वागत भाषण सेंटर फ़ोर सोशल डिवेलप्मेंट के अध्यक्ष राज कुमार फलवारिया ने दिया। प्रोफेसर ए के भागी ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया और दिल्ली विश्वविद्यालय में संविधान के विभिन्न प्रावधानों को कैसे लागू किया जाए, इस पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने साझा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2015 में ‘राष्ट्रीय संविधान दिवस’ की शुरुआत की गई थी। उन्होंने सुशील कुमार मोदी से दिल्ली विश्वविद्यालय में एड-हॉक और गेस्ट टीचर्ज़ के नियमितीकरण के मामले पर विचार करने का अनुरोध किया। डॉ. अलका सिंह गुर्जर ने 26 नवंबर 2021 को भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर द्वारा वकालत की गई दृष्टि और सिद्धांतों को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा ऐसी योजनाओं के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना। सुशील कुमार मोदी ने ये आश्वासन दिया कि वो दिल्ली विश्विध्यालय के एड हॉक और गेस्ट टीचर्ज़ के नियमितीकरण हेतु एक प्रणाली पर काम करेंगे। उन्होंने केवायसी ‘नो योर कॉन्स्टिटूशन’ शब्द सबके साथ साझा किया और इस बात पर ज़ोर दिया की हर नागरिक को अच्छी तरह संविधान को पढ़ना चाहिए ताकि उसके विभिन्न पहलुओं को जाना जा सकेए जिससे हमारा लोकतंत्र मज़बूत हो सके। उन्होंने 26 नवंबर के ऐतिहासिक महत्व की व्याख्या की, क्योंकि 1949 में भारत का संविधान अपनाया गया था, उसके बाद 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। उन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने और दलितों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पुष्टि की कि आरक्षण तब तक जारी रहेगा जब तक समाज के कमज़ोर वर्ग द्वारा असमानता का सामना किया जाता है। कार्यक्रम का समापन ईसी मेम्बर, दिल्ली विश्वविद्यालय और जेनरल सेक्रेटेरी एनडीटीएफ डॉ. वी एस नेगी द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव से हुआ। बता दें कि 2015 में स्थापित, सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट, सीएसडी समाज के वंचित वर्गों के सामाजिक विकास के लिए काम करने के लिए बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों का एक समूह है। हम विभिन्न सामाजिक नीतियों पर काम कर रहे हैं और वास्तविक समय के मुद्दों की वकालत करते हैं, खासकर जमीनी स्तर पर। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिएए हम शासन में अभिनव समाधान लाने के लिए विभिन्न सरकारी निकायों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और सामाजिक प्रभाव संगठनों के साथ साझेदारी करते हैं, साथ ही स्केलेबल, टिकाऊ और सकारात्मक प्रभाव को चलाने के लिए सरकार के साथ काम करते हैं।
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