नई दिल्ली। राज्यसभा से निलंबित हुए 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गयी हैं। आज विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अपना विरोध प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाए। इसके अलावा उनके पास तख्तियां भी थी। जिसमें लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ जैसी बातें लिखी हुई थी। वहीं राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टीआर बालू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और कई अन्य सांसद भी मौजूद थे। विपक्षी सांसदों ने ‘वी वान्ट जस्टिस’, ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि 12 सदस्यों का निलंबन रद्द किया जाना चाहिए ताकि सदन सुचारू रूप से चल सके। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हम एक बैठक करेंगे और भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे। वहीं इससे पहले उन्होंने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र के जरिए आग्रह किया था कि सभापति 12 सदस्यों को निलंबित किये जाने के फैसले पर पुनर्विचार करें और निलंबन रद्द करें। वहीं भाजपा ने 12 सदस्यों के निलंबन के फैसले को उचित ठहराते हुए साफ कर दिया कि ऐसी कार्रवाई तो जरूरी थी। वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका यह कहना कि निलंबित सदस्य किस बात की माफी मांगें, दर्शाता है कि वह सदन में महिला सुरक्षाकर्मियों पर हमले जैसे आचरण को जायज ठहरा रहे हैं। पीयूष गोयल ने कहा कि राहु गांधी को यह क्यों नहीं लगता कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए या वह फिर उनके आचरण को जायज ठहरा रहे हैं ? दरअसल, राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि किस बात की माफ़ी ? संसद में जनता की बात उठाने की ? बिलकुल नहीं!
Deewan Singh
Editor