नई दिल्ली। लगभग 68 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया टाटा की होने जा रही है। सूत्रों की मानें तो देश की नामी कंपनी टाटा इसे खरीदने जा रही है। सूत्रों की मानें तो पैनल ने एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप को चुन लिया है लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बताया जाता है कि टाटा ने सबसे ऊंची बोली लगाई, जिसके बाद टाटा को जीत हासिल हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्री लेवल के पैनल ने इस बोली को मंजूरी दे दी है। एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट ने बोली लगाई थी, लेकिन टाटा ग्रुप के साथ ये डील पक्की हो गई है। खबर है कि टाटा को दिसंबर तक एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल जाएगा। बता दें कि मशहूर बिजनेसमैन जेआरडी टाटा ने साल 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के समय विमान सेवाओं को रोक दिया गया था। बाद में जब ये फिर से शुरू हुईं तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड हो गया। 1947 में जब देश आजाद हुआ तो एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली। बाद में साल 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया। बता दें कि एयर इंडिया पर 38,366.39 करोड़ रुपये का कर्ज है। इस बात की जानकारी सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में थी। सरकार के ये जानकारी 2019-20 के प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक दी थी। इस दौरान सरकार ने ये भी कहा था कि अगर एयर इंडिया को बेचा नहीं गया तो इसे बंद करना ही एक उपाय बचेगा।
Deewan Singh
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