बेंगलुरु. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच ने फैसला सुना दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि बंगलुरू के चामराज पेट ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह नहीं होगा. यहां नमाज़ भी अदा नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए है. कोर्ट ने कहा कि ईदगाह मैदान में जैसी आज स्थिति है, वही आगे भी बनी रहेगी.
इससे पहले ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव मनाने के मुद्दे पर तीन जजों की बेंच ने सुनवाई शुरू की. वक्फ बोर्ड की ओर से बहस करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि 200 साल से ये संपत्ति हमारे पास है और किसी दूसरे समुदाय ने यहां कभी कोई धार्मिक समारोह नहीं किया. सिब्बल ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट हमारे हक में फैसला सुना चुका है. पहले कभी किसी ने इसे चुनौती नहीं दी. अब 2022 में कहा जा रहा है कि ये विवादित है.’
कपिल सिब्बल ने कहा, ‘2022 में निगम इसे विवादित बताते हुए इस पर गणेशोत्सव करने पर आमादा है. ये संपदा 1965 में भी दस्तावेजों में वक्फ की मिल्कियत है.’ सिब्बल ने कहा कि कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर गणेश उत्सव की इजाजत दी गई, जबकि इस ग्राउंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी है. सिब्बल ने कहा, ‘1964 में जस्टिस हिदायतुल्ला ने हमारे पक्ष में आदेश दिया था. यह वक्फ अधिनियम के तहत वक्फ संपत्ति है. 1970 में भी हमारे पक्ष में निषेधाज्ञा दी गई थी. वक्फ होने के बाद चुनौती नहीं दी जा सकती. अब वक्फ कि जमीन विवाद में है . 2022 में वो अचानक जागे हैं.’
कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति दी गई थी. मुस्लिम निकाय का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि क्षेत्र में अनावश्यक धार्मिक तनाव पैदा किया जा रहा है. पिछले हफ्ते, कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु के चामराजपेट के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह आयोजित करने की अनुमति दी थी.
जस्टिस अभय एस ओक ने पूछा कि क्या पहले यहां कोई धार्मिक गतिविधि हुई है. इस पर सिब्बल ने कहा कभी नहीं हुई है. जस्टिस सुंदरेश ने पूछा, ‘इस मामले में आपकी आपत्ति क्या है?’ सिब्बल ने कहा, ‘जो अनुमति दी गई है वह केवल रमजान और बकरीद है. अब हाईकोर्ट का निर्देश है कि कृपया सभी त्योहारों को अनुमति दें.’ जस्टिस सुंदरेश ने पूछा, ‘केवल कल के लिए प्रस्तावित त्योहार के खिलाफ शिकायत है या उसके बाद के लिए भी इस्तेमाल किया जाना है?’ इसपर मुकुल रोहतगी ने कहा कि निगम मालिक नहीं है और यह राज्य सरकार की संपत्ति है. जिसके जवाब में सिब्बल ने कहा कि जब तक यह वक्फ संपत्ति है, तब तक आप स्वामित्व का दावा नहीं कर सकते है; क्योंकि वक्फ अधिसूचना को कभी भी किसी भी स्तर पर चुनौती नहीं दी गई.
कपिल सिब्बल ने कहा, ‘दो समुदायों के विवाद पर FIR दर्ज कर दी गई…ये परेशान करने वाला है. इसमें बाबरी से संबंधित कुछ बात कही गई हैं. अदालत को ये सब रोकना चाहिए.’
हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार त्योहार को धरातल पर अनुमति देने के लिए फैसला ले सकती है. राज्य सरकार की ओर से यथास्थिति बनाए रखने के 25 अगस्त के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली अपील दायर करने के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया. हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में संशोधन किया. कोर्ट ने राज्य सरकार को 31 अगस्त से सीमित अवधि के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जमीन के इस्तेमाल की मांग करने वाले आवेदनों पर विचार करने का निर्देश दिया.
क्या है विवाद?
कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ नगर निगम (एचडीएमसी) ने ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया है. महापौर इरेश अचंतगेरी ने कहा, ‘सदन की समिति ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद गणेश उत्सव की अनुमति देने की अनुशंसा की थी. इसे उत्सव को अनुमति देने के पक्ष में 28 और विरोध में 11 ज्ञापन मिले थे.’ नगर निगम ने यह फैसला कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बावजूद लिया है.
वहीं, अधिकाारियों ने बताया कि एक विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मुस्लिम समुदाय को इस मैदान में साल में केवल दो बार नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाती है और नगर निगम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर वहां राष्ट्र ध्वज फहराता है.