लखनऊ। रामलला के सखा त्रिलोकी पांडेय का लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में शुक्रवार शाम को 7:30 बजे निधन हो गया। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव व सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र, अयोध्या राजा व ट्रस्टी विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी शिष्य महंत कमलनयन दास, श्रीरामवल्लभाकुंज के प्रमुख राजकुमार दास, पूर्व सांसद डॉक्टर रामविलास दास वेदान्ती उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। भगवान श्री राम विराजमान व अन्य 1 जुलाई 1989 को भगवानरामलला विराजमान नाम से पांचवा मुकदमा दाखिल किया गया था, जिसकी त्रिलोकीनाथ पांडेय पैरवी कर रहे थे। महंत परमहंस रामचंद्र दास ने 5 दिसंबर 1950 को मुकदमा किया जो उन्होंने कालांतर में वापस ले लिया, पर व पार्टी में बने रहे। उन महंत परमहंस रामचंद्र दास ने हिंदू प्रार्थनाएं जारी रखने और बाबरी मस्जिद में राममूर्ति को रखने के लिए मुकदमा दायर किया। मस्जिद को ‘ढांचा’ नाम दिया गया। तो उनके प्रतिनधि महंत सुरेश दास ने इस मुकदमे में मदद की। त्रिलोकीनाथ पांडेय 79 वर्ष के थे। वे 1889 में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े। 1992 में अयोध्या में कार सेवकपुरम आये। करीब 15 साल तक वे रामलला से सखा के रूप में राममंदिर का मुकदमा लड़ते रहे थे।
Deewan Singh
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