प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जिस योग और आयुर्वेद को पहले उपेक्षित समझा जाता था, वो आज पूरी मानवता के लिए एक नई उम्मीद बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस को अब पूरी दुनिया हेल्थ और वेलनेस के ग्लोबल फेस्टिवल के तौर पर मनाती है। पीएम मोदी गोवा के धारगल में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गाजियाबाद में राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान और नई दिल्ली में राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान का भी उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यकीन है कि ये तीनों संस्थान आयुष हेल्थ केयर व्यवस्था को नई गति देंगे। आयुर्वेद एक ऐसा ज्ञान है जिसका मकसद है, सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः इसका मतलब है सबका सुख और सबका स्वास्थ्य। पीएम ने कहा कि आयुर्वेद इलाज से आगे बढ़कर कल्याण की बात करता है और कल्याण को बढ़ावा देता है। विश्व भी अब तमाम परिवर्तनों और प्रचलनों से निकलकर इस प्राचीन जीवन दर्शन की तरफ लौट रहा है। मुझे खुशी है कि भारत में इसको लेकर बहुत पहले से ही काम शुरू हो चुका है। पीएम मोदी नौवें विश्व आयुर्वेद सम्मेलन और आरोग्य एक्सपो के समापन सत्र को संबोधित करने के लिए रविवार दोपहर तटीय राज्य पहुंचे थे। आयुर्वेद सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अपने ज्ञान, विज्ञान और सांस्कृतिक अनुभव से विश्व के कल्याण का संकल्प अमृत काल का बड़ा लक्ष्य है। आयुर्वेद इसके लिए एक प्रभावी माध्यम है। भारत इस वर्ष जी20 समुह की अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है। हमने जी20 शिखर सम्मेलन का थीम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य रखा है। आयुर्वेद को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास आयुर्वेद का परिणाम भी था, प्रभाव भी था, लेकिन प्रमाण के मामले में हम पीछे छूट रहे थे। इसलिए आज हमें डेटा बेस्ड एविडेंसेस का डॉक्युमेंटेशन करना अनिवार्य है। इसके लिए हमें लंबे समय तक निरंतर काम करना होगा।