शेयर बाजार दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला को इस दुनिया से गये हुए एक हफ्ते से भी ज्यादा का समय हो गया है. लेकिन उनके चाहने वालों को आज भी उनकी मौत पर यकीन नहीं हो रहा. स्टॉक मार्केट के रिटेल निवेशक झुनझुनवाला को भगवान की तरह मानते थे. मौत के बाद उनके हजारों करोड़ के साम्राज्य से जुड़ी तमाम बातें सामने आ रही हैं. लेकिन अब सवाल यह है कि उनकी संपत्ति की देखरेख कौन करेगा? इस पर फैसला हो गया है.
कल्पराज धर्मशी और अमल पारिख भी शामिल
डी-मार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी को राकेश झुनझुनवाला के स्वामित्व वाली संपत्ति का मुख्य ट्रस्टी बना दिया गया है. दमानी ही ऐसे शख्स हैं, जिन्हें झुनझुनवाला अपना सबसे भरोसेमंद दोस्त और गुरु मानते थे. इसके अलावा झुनझुनवाला के ट्रस्ट के ट्रस्टियों में कल्पराज धर्मशी और अमल पारिख भी शामिल हैं. आपको बता दें 14 अगस्त को राकेश झुनझुनवाला इस दुनिया से विदा हो गए थे.
‘सबसे खराब निवेश हेल्थ में रहा’
इसके अलावा झुनझुनवाला की एक और फर्म ‘रेयर एंटरप्राइजेज’ (RARE Enterprises) का प्रबंधन उनके दो सबसे भरोसेमंद पार्टनर्स उत्पल सेठ और अमित गोयल के हाथों में ही रहेगा. झुनझुनवाला की मौत 62 साल की उम्र में हार्ट अटैक के कारण हुई थी. उन्होंने 2019 में एक अखबार से बातचीत में माना भी था कि उनका सबसे खराब निवेश हेल्थ को लेकर रहा है.
टाइटन में था बड़ा निवेश
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ज्वैलरी रिटेलर टाइटन कंपनी राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के लिए सबसे ज्यादा फायदा देने वाले निवेशों में से एक थी. बिगबुल के पोर्टफोलियो में एक तिहाई से ज्यादा शेयर टाइटन के हैं. मार्केट वैल्यू के आधार पर झुनझुनवाला की टॉप होल्डिंग्स में स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस, टाटा मोटर्स और फुटवियर मेकर मेट्रो ब्रांड्स लिमिटेड शामिल है. उनके पास स्टार हेल्थ, एपटेक लिमिटेड और नजारा टेक्नोलॉजीज में 10% से ज्यादा की हिस्सेदारी है.
झुनझुनवाला ने साल 2002-03 में टाइटन में 3 रुपये प्रति शेयर पर निवेश किया था. इस समय कंपनी का शेयर बढ़कर 2,422 रुपये पर पहुंच गया है. इस शेयर से ही झुनझुनवाला का टाइटन पोर्टफोलियो 11,000 करोड़ रुपये का हो गया है. 1985 में 5 हजार रुपये से कारोबार की शुरुआत करने वाले झुनझुनवाला का एम्पायर आज करीब 46 हजार करोड़ का है. यह भी कहा जाता है कि मौत से पहले झुनझुनवाला ने अपनी संपत्ति से जुड़ी योजना बनाई थी, इसमें बर्जिस देसाई को अपनी वसीयत को एक साथ रखने के लिए कहा था.