नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठनों को 5 साल के लिए गैर कानूनी संगठन घोषित कर दिया हैं। पीएफआई गंभीर अपराधों में लिप्त पाया गया है जिनमें आतंकवाद और उसका वित्तपोषण, नृशंस हत्याएं, देश के संवैधानिक ढांचे की अवहेलना, सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना आदि शामिल हैं। जो कि देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं।
जिसके चलते गृह मंत्रालय ने इस संगठन की नापाक गतिविधियों पर अंकुश लगाना आवश्यक पाया और इसलिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठनों या संबद्ध संस्थाओं या अग्रणी संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के अंतर्गत “गैरकानूनी संगठन” घोषित कर दिया है जिनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), अखिल भारतीय इमाम परिषद (एआईआईसी),मानवाधिकार संगठन का राष्ट्रीय महासंघ (एनसीएचआरओ), राष्ट्रीय महिला मोर्चा, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रीहैब फाउंडेशन, केरल शामिल हैं।
बता दें की पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग कई राज्यों ने की थी। हाल ही में NIA और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं।
इन राज्यों में एक्टिव हैं पीएफआई
पीएफआई अभी दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है
Deewan Singh
Editor