नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर द्वारा निर्मित आईड्रॉप ‘आर्टिफिशियल टीयर्स’ के नमूने को ‘मानक गुणवत्ता’ वाला पाया है. शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. दरअसल, अमेरिका की एजेंसी सीडीसी ने आरोप लगाया है कि भारतीय दवा कंपनी के आई ड्रॉप से उनके देश में तीन लोगों की मौत हो गई और 8 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई.
घटना के सामने आने के बाद दवा की भारत में जांच की गई थी. अब स्वास्थ्य मंत्रालय के टॉप सूत्रों ने बताया है कि भारतीय फार्मा कम्पनी के आई ड्रॉप मानकों पर खरे उतरे हैं उसमें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. सूत्रों ने बताया है कि जांच के लिए ‘आर्टिफिशियल टीयर्स’ के जो सैम्पल्स लिए गए थे, उनके नतीजों में यह सामने आया है कि ये स्टैंडर्ड क्वॉलिटी पर बिल्कुल खरे हैं. सीडीएससीओ और तमिलनाडु ड्रग रेगुलेटर ने फरवरी में कंट्रोल्ड सैम्पल्स और ‘आर्टिफिशियल टीयर्स’ को बनाने में इस्तेमाल होने वाले रॉ मटिरियल्स का सैम्पल लिया था.
हालांकि, अमेरिका में दवाओं पर नियंत्रण रखने वाली यूएसएफडीए ने अब तक कुछ नहीं कहा है. वहीं, सीडीसी के हवाले से आ रही खबर के बाद भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने इस खबर पर उनकी प्रतिक्रिया को लेकर लिखा है कि आपका क्या मानना है? इस खबर के आने के बाद भारत की ड्रग रेगुलेटर सीडीएससीओ ने अमेरिका की ड्रग रेगुलेटर यूएसएफडीए से सम्पर्क किया है और उनसे उनका कमेंट मांगा है.