दर्शकों के चेहरे पर अपनी एक्टिंग से हंसी लाने वाले अभिनेता सतीश कौशिक अब हमारे बीच नहीं रहें। गुरुवार की सुबह अनुपम खेर ने दोस्त के निधन की खबर सोशल मीडिया के जरिए शेयर की। 66 साल के सतीश कौशिक की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई।
पैसे से ज्यादा रिश्ते रखते हैं मायने
बॉलीवुड में अपनी मेहनत और लगन के दम पर एक मुकाम हासिल करने वाले सतीश कौशिक ने कई अच्छे रिश्ते भी बनाए। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बोनी कपूर और अनिल कपूर के बारे में बात की थी और कहा था कि उनके लिए तरक्की और पैसे से ज्यादा रिश्ते मायने रखते हैं, जो उन्होंने इन दो भाइयों से सीखा।
एक्टिंग के बाद डायरेक्शन में रखा कदम
सतीश कौशिक ने एक्टिंग के बाद डायरेक्शन की फील्ड में कदम रखा। 1993 में आई ‘रूप की रानी और चोरों का राजा’ उनकी डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म बनी। इसके बाद उन्होंने 1995 में आई फिल्म ‘प्रेम’ को डायरेक्ट किया, लेकिन ये दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पिट गई।
पहली फिल्म हुई फ्लॉप
सतीश कौशिक की इन दोनों फिल्मों को बोनी कपूर ने डायरेक्ट किया था। वहीं, अनिल कपूर और संजय कपूर लीड रोल में नजर आए थे। ‘रूप की रानी और चोरों का राजा’ और ‘प्रेम’ को लेकर सतीश कौशिक ने कहा कि दोनों फिल्में फ्लॉप होने के बाद भी अनिल कपूर और बोनी कपूर ने उनके लिए कभी कोई बुरी भावना नहीं रखी।
बात का नहीं बनाया बतंगड़
सतीश कौशिक ने साल 2014 में फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैंने सीखा कि रिश्तें कामयाबी और दौलत से कहीं ज्यादा मायने रखते हैं। मैंने काफी समय से डायरेक्शन नहीं किया था, लेकिन मैंने बात का बतंगड़ नहीं बनाया क्योंकि मुझे पता था कि अनिल कपूर और बोनी कपूर मेरे खिलाफ नहीं हैं।”
अनिल कपूर ने बचाया डूबता करियर
दो फ्लॉप फिल्में देने के बाद सतीश कौशिक के हाथ फिल्म ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ लगी, जो एक हिट फिल्म साबित हुई और इसके साथ ही उनके डायरेक्शन के डूबते करियर को सहारा मिल गया। सतीश कौशिक ने अपना करियर बचाने का श्रेय भी अनिल कपूर को दिया।
सीखा एक नया सबक
उन्होंने कहा, “प्रोड्यूसर डी रामा नायडू ने कजोल और अनिल कपूर को अपनी फिल्म में लिया, जो बाजीगर के बाद साउथ फिल्म ‘पवित्र बंधन’ का हिंदी रीमेक के तौर पर उनकी अगली बड़ी फिल्म थी। अनिल कपूर ने बतौर डायरेक्टर मुझे लेने की बात कही, जबकि नायडू साहब की ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। भगवान का शुक्रगुजार हूं कि ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ चल गई और जिंदगी में मुझे एक नया सबक मिल गया।”