पाकिस्तान। वो कहते हैं न ‘कंगाली में आंटा गीला!’ पाकिस्तान के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। आर्थिक संकटों के बीच पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लग सकता है। पड़ोसी मुल्क में एक गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट चल रहा था और एग्रीमेंट के मुताबिक इसे तय समयसीमा में पूरा करना था, लेकिन यह प्रोजेक्ट अबतक पूरा नहीं हो सका है और इसके लिए ईरान उसपर 18 अरब डॉलर का जुर्माना लगा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान संसद के पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) के सदस्यों ने स्पीकर नूर आलम खान से मुलाकात में बताया कि प्रोजेक्ट के लिए दी गई रकम में 332 अरब रुपए या चार अरब डॉलर का फंड जस का तस पड़ा है। पाकिस्तान ने फंड तीन प्रोजेक्ट के लिए उठाए थे, जिसमें गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट भी शामिल है। कमेटी के एक सदस्य सैयद हुसैन तारिक ने बताया कि फंड यूं ही पड़ा है और अगर समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं होता है तो ईरान जुर्माना लगा सकता है।
पाकिस्तान ने अमेरिका से लगाई राहत की गुहार
पाकिस्तान पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने संसद अध्यक्ष के साथ मुलाकात में बताया कि गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के बारे में पाकिस्तान ने अमेरिका को जानकारी दी है और राहत की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधों की वजह से पाकिस्तान ईरान से गैस इंपोर्ट नहीं कर सकता। उन्होंने तुर्किमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-इंडिया (टीएपीआई) पाइपलाइन प्रोजेक्ट को लेकर कुछ चिंताएं भी जाहिर की है।
ईरान 18 अरब डॉलर का लगा सकता है जुर्माना
मंत्रालय के अधिकारी से कमेटी के सदस्यों ने पूछा कि अगर ईरान फाइन भी लगाता है तो वो कितना होगा? अधिकारी ने एग्रीमेंट का हवाला देते हुए बताया कि पाकिस्तान पर 18 अरब डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि वे इस बारे में अमेरिका से बातचीत करेंगे और मांग करेंगे कि या तो अमेरिका प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने दे और प्रोजेक्ट को पूरा करने दे। अधिकारी ने आगे कहा कि अगर अमेरिका ऐसा नहीं करता है तो हम उनसे जुर्माने की रकम की मांग करेंगे।
इस पर संसद अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि उनसे मिलकर पाकिस्तान के हालिया हालात के बारे में बताएं और समय की मांग करें। गौरतलब है कि सालों पहले ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन पर करार हुआ था। शुरू में भारत भी इस पाइपलाइन प्रोजेक्ट का हिस्सा था, लेकिन कुछ पॉइंट्स को लेकर समस्याएं थी, जिस पर भारत ने प्रोजेक्ट से किनारा कर लिया था।