नई दिल्ली। अमरनाथ हादसे के बाद सेना का बचाव अभियान जारी रहा, देर रात तक सेना ने लापता लोगों की तलाश में अभियान चलाया। बता दें कि शुक्रवार को अचानक बादल फटने के बाद 15 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी जबकि 105 लोग घायल हुए थे। वहीं इस हादसे के बाद अब भी 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं। उधर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को अमरनाथ यात्रा में शामिल विभिन्न एजेंसियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, जहां यह निर्णय लिया गया कि बचाव अभियान समाप्त होने तक यात्रा स्थगित रहेगी।
शनिवार को सारे शवों को बालटाल भेज दिया गया। बीएसएफ एमआई 17 हेलिकॉप्टर को आगे के इलाज या शवों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए लगाया गया है। रविवार सुबह से बचाव कार्य को फिर से शुरू किया गया है। अमरनाथ गुफा के पास हुए हादसे के लिए बादल फटने को जिम्मेदार बताया जा रहा। लेकिन मौसम विभाग ने शनिवार को स्पष्ट किया कि ज्यादा बारिश की वजह से बाढ़ आई। जब बाढ़ आई तो उस समय वहां सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
भारतीय वायुसेना भी बचाव और राहत कार्य में मदद दे रहा। भारतीय वायु सेना के 4 एमआई-17वी5 और 4 चीतल हेलीकॉप्टरों को अमरनाथ में बचाव और राहत प्रयासों के लिए तैनात किया गया है। शनिवार को चीतल हेलीकॉप्टरों ने 45 उड़ानें भरीं। इस दौरान एनडीआरएफ और सेना के जवानों को लेकर जाने के साथ ही 3.5 टन राहत सामग्री भी ले जाई गई साथ ही 45 लोगों को निकाला गया। एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टरों ने 20 उड़ानें भरीं और 9.5 टन राहत सामग्री पहुंचाई। साथ ही और 64 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। 7 शवों को भी हेलीकॉप्टर के जरिये लाया गया।
Deewan Singh
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