स्पेशल पॉक्सो जज देहरादून अर्चना सागर की कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने भतीजे से दुष्कर्म करने वाली महिला को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही महिला को पॉक्सो की अलग-अलग धाराओं में दोषी ठहराते हुए 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने दोषी महिला को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
वहीं किशोरी के अपहरण मामले में भी स्पेशल फास्ट कोर्ट जज पंकज तोमर की कोर्ट ने दूसरे आरोपी को दोषी मानते हुए 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 10 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है। जानकारी के मुताबिक पांच जुलाई 2022 को देहरादून के बसंत विहार थाने में 16 साल के किशोर की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में मां ने कहा था कि महिला ने उसके बेटे से जबरदस्ती संबंध बनाए हैं, जिससे वह गर्भवती हो गई। पीड़िता ने महिला पर अपने बेटे का जीवन खराब करने का आरोप लगाया। किशोर रिश्ते में महिला का भतीजा लगता है। मां की तहरीर पर पुलिस ने महिला के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने मामले की जांच की और महिला के खिलाफ 6 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। अभियोजन की ओर से इस मामले में छह गवाह पेश किए गए और डॉक्टरों ने महिला का मेडिकल परीक्षण कराया तो वह गर्भवती पाई गई और डीएनए की जांच के लिए भी सैंपल भेजे गए थे। शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि अदालत में सभी दावों को सुनने और कुल 14 दस्तावेजों के साक्ष्य के आधार पर महिला को किशोर से दुष्कर्म का दोषी पाया गया। कोर्ट ने महिला को प्रतिकर दिलाने की श्रेणी से भी बाहर रखा. इस आधार पर महिला को 20 साल सक्षम कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
दूसरे मामले में 5 सितंबर 2021 को रायपुर थाने में 16 साल की किशोरी की गुमशुदगी दर्ज हुई थी। परिजनों ने अपनी शिकायत में बताया था कि उनकी 16 वर्षीय बेटी किसी काम से पलटन बाजार के लिए गई थी, लेकिन शाम तक वापस नहीं आई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो किशोरी 6 दिन बाद युवक नरेंद्र थापा के यहां मिली। पुलिस ने इस मामले में नरेंद्र थापा को गिरफ्तार किया। इसके बाद किशोरी ने पुलिस और कोर्ट में बताया कि नरेंद्र थापा और वह काफी पुराने दोस्त हैं. 5 सितंबर 2021 को दोनों घर वालों को बिना बताए घूमने निकले थे। नरेंद्र थापा ने किशोरी को हरिद्वार चलने के लिए कहा और हरिद्वार में नरेंद्र थापा ने एक होटल में उसके साथ दुष्कर्म किया। 11 सितंबर को हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड हेल्पलाइन और पुलिस ने उसे पकड़ लिया। शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार सिंह ने बताया कि अभियोजन की ओर से अदालत में आठ गवाह पेश किए गए थे जिनकी गवाही के आधार पर कोर्ट ने नरेंद्र थापा को दोषी ठहराते हुए 10 साल सक्षम कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार का जुर्माना भी लगाया गया।