नई दिल्ली। ईरान में हिजाब के विरोध के बीच एक पुलिस चीफ की हत्या कर दी गयी। वहीं 16 सितंबर से चल रहे प्रदर्शनों में रविवार तक 133 लोगों की मौत होने की खबर है, लेकिन अब सरकार इस आंदोलन का दमन कर सकती है। लोगों को इसका डर सता रहा है। शहरों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। लोगों पर एके-47 और शॉटगन्स से गोलियां चलाई जा रही हैं। जिस पुलिस चीफ की हत्या की गई, उनका नाम कर्नल अब्दल्लाही है। कुर्दिस्तान के मारिवान में पुलिस उन्हीं के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी। मॉरल पुलिस की कस्टडी में कुर्द मूल की लड़की महसा अमीनी की मौत के बाद से ईरान में हिजाब और सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क गया है। ईरान में मानवाधिकार के लिए काम कर रहे लोगों को डर है कि पुलिस चीफ की मौत के बाद ईरानी सेना IRGC (ईरान रिवोल्यूशनरी गॉर्ड कोर) नरसंहार शुरू कर सकती है। मानवाधिकार समूह हेंगाव ने बताया है कि सभी कुर्द बहुल शहरों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। लोगों पर एके-47 और शॉटगन्स से गोलियां चलाई जा रही हैं। नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स समूह के मुताबिक, प्रदर्शनों में 133 प्रदर्शनकारियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों की असल संख्या इससे ज्यादा हो सकती है। जैसे-जैसे मरने वालों की संख्या बढ़ रही है, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है। ईरान के कई मीडिया समूहों का कहना है कि अब तक IRGC ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया है। अगर ऐसा होता है तो कहीं ज्यादा लोग मारे जाएंगे।
Deewan Singh
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