कोलकाता: बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. कोलकाता की कोर्ट ने दोनों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा. इससे पहले पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों ईडी की हिरासत में थे. गुरुवार को ईडी ने कोर्ट से कहा था कि पार्थ चटर्जी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच एजेंसी के कई सवालों का उन्होंने जवाब नहीं दिया. वे ज्यादातर समय चुप रहते हैं. पार्थ चटर्जी ने कुछ दिन पहले बताया था कि वे साजिश के शिकार हुए हैं. इसके बाद कोर्ट ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 5 अगस्त तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था.
बता दें कि पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला में 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया था. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने इस घोटाले को लेकर अपनी छानबीन में अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से करीब 50 करोड़ से ज्यादा की रकम और जेवर बरामद किए थे.
शिक्षा मंत्री रहते हुए पार्थ चटर्जी ने ली थी करोड़ों की रिश्वत
खबर के अनुसार, जांच एजेंसी ने दावा किया है कि इस घोटाले में जब्त किए गए करोड़ों रुपए उस समय के हैं जब पार्थ चटर्जी 2016 में राज्य के शिक्षा मंत्री थे और उस वक्त शिक्षक और अन्य स्टाफ की भर्ती के बदले में उन्होंने लोगों से करोड़ों रुपये रिश्वत ली थी.
इस घोटाले में गिरफ्तारी के बाद टीएमसी ने पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटा दिया और पार्टी से भी निलंबित कर दिया. हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईडी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है, इसलिए वह चाहती है कि एक तय अवधि में इस मामले की जांच पूरी हो.