पीएम मोदी के बिहार दौरे से ठीक पहले पटना में दो संदिग्ध आतंकवादी पकड़े गए हैं. इसको लेकर जब पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कट्टरपंथी संगठन PFI की तुलना RSS से कर दी. उन्होंने कहा कि जिस तरह आरएसएस की शाखा में स्वयंसेवकों को फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती है, उसी तरह पकड़े गए लोगों को भी मस्जिद में प्रशिक्षण दिया जा रहा था. इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर काफी हल्ला मच गया. पटना के एसएसपी ट्रोल होने लगे. ऐसे में शाम होते-होते उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया.
ADG मुख्यालय से नोटिस
SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो को यह नोटिस ADG पुलिस मुख्यालय की तरफ से भेजा गया है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने भेजे गए नोटिस में कहा है कि SSP ने आखिर ऐसा बयान क्यों दिया, इसके साथ ही उनसे 48 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है.
इस तरह की तुलना
बता दें कि एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि जैसे आरएसएस की शाखा में लाठी की ट्रेनिंग देते हैं. उसी तरह से ये लोग शारीरिक प्रशिक्षण, फिजिकल एजुकेशन के नाम से यूथ को बुलाते और प्रशिक्षण दे रहे थे. उसके माध्यम से यूथ का ब्रेनवॉश करने का काम कर रहे थे. पीएफआई की तुलना आरएसएस से करने पर बीजेपी ने ऐतराज जताया था.
सभी रह चुके हैं सिमी के कार्यकर्ता
एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि गिरफ्तार हुए लोगों का किसी भी मज़हबी संस्था से कोई लेना देना नहीं है, हालांकि ये सभी SIMI के वर्कर्स हुआ करते थे. इनके काम करने का तरीका बिल्कुल ही अलग है. इसी दौरान एसएसपी ने पीएफआई की आरएसएस से तुलना कर दी.
11 जुलाई को छोपमारी
वहीं, इससे पहले फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार सिन्हा ने कहा था कि आईबी की सूचना के आधार पर 11 जुलाई को नया टोला नहर स्थित अहमद पैलेस में मोहम्मद जलालुद्दीन के मकान में छापेमारी की गई, जो झारखंड पुलिस का रिटायर सब इंस्पेक्टर हैं. फुलवारी शरीफ के गुलिस्तान मोहल्ला के रहने वाले अतहर परवेज के यहां पुलिस ने दबिश दी, जो प्रतिबंधित संगठन सिमी का पूर्व सदस्य भी है. अतहर परवेज, सिमी के अभियुक्तों का बेल कराते रहा है. फिलहाल, PFI और SDPI का सक्रिय सदस्य है.