पहलवानों ने खेल मंत्रालय पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए रविवार को धरना दिया,पहलवानों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है, एक महीने में कार्रवाई का भरोसा देकरअब तीन महीने बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। साथ ही सरकार ने पहलवानों को जो आश्वासन दिया था वह झूठा निकला। दर्सल पुरा मामला खिलाडियों के योन शोषण का है।
भारत को पदक दिलाने वाले एथलीट्स के आंसू जिस गम के लिए छलके सरकार को शायद उनके ऑसूओं पर भी तरस नहींआ रहा है, जबकि खिलाडियों को लेकर सरकार भले ही संजिदगी दिखाने की बात करती हो। शायद यही वजह है कि साक्षी और विनेश रो पड़ीं। इन्होंने कहा कि पहलवानों को अब झूठा कहा जा रहा, जबकि वह सच्चाई की लड़ाई लड़ रही हैं। कोई फैसला न आने तक वह फिर से अब धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। पहलवानों ने कहा कि WFI शक्तिशाली है तो क्या उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, पहलवानों का प्रदर्शन जनवरी में भी तीन दिनों तक चला था। पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बातचीत के बाद धरने को समाप्त किया था। उस समय बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया और उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई थी।खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 23 जनवरी को एमसी मैरी कॉम की अगुवाई में जांच के लिए निगरानी समिति का गठन किया था। जिसमें कमांडर राजेश राजगोपालन, राधिका श्रीमान, बबिता फोगाट, योगेश्वर दत्त और तृप्ति मुरुगुंडे को शामिल किया गया था।
अपने ऊपर लगे आरोपों पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था, ”क्या ऐसा कोई खिलाड़ी है जो आकर कह सकता है कि कुश्ती संघ ने उसे प्रताड़ित किया? क्या उन्हें पिछले दस साल से फेडरेशन से कोई समस्या नहीं थी? ये सारी बातें तब हो रही हैं जबसे नए नियम लागू किए गए हैं। धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलंपिक के बाद से किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। यौन शोषण की कोई घटना नहीं हुई है। अगर ऐसा कुछ हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा।” बृजभूषण शरण सिंह फरवरी में पहलवानों के आरोपों की जांच कर रही निगरानी समिति के समक्ष पेश हुए थे। बृजभूषण तकरीबन तीन घंटे समिति के समक्ष रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था। सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत अन्य महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन शोषण के आरोप साबित नहीं हुए। खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए 23 जनवरी को एमसी मैरी कॉम की अगुवाई में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन कर दिया था। समिति ने अप्रैल के प्रथम सप्ताह में खेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
इसी महीने अप्रैल में बजरंग पूनिया ने कहा था कि मामले की जांच के लिए नियुक्त निगरानी समिति की रिपोर्ट और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रमुख भारतीय पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों के विरोध में पहलवान अदालत जाएंगे।