एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद सत्ता से बेदखल हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पिछले साल भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होना चाहते थे. शिंदे खेमे के एक नेता ने मंगलवार को यह दावा किया. सांसद राहुल शेवाले ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले साल जून में उद्धव ठाकरे एनडीए में ‘फिर से शामिल’ होना चाहते थे, लेकिन बाद में पीछे हट गए. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकनाथ शिंदे और पार्टी के अन्य सहयोगियों ने भी हिस्सा लिया.
इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के निचले सदन में राहुल शेवाले को शिवसेना नेता के रूप में मान्यता दे दी है. दरअसल, एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्य थे जिन्होंने संसदीय दल के नेता को बदलने के लिए अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था, जिसकी मंजूरी मिल गई है.
लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसद हैं, जिनमें से 12 शिंदे खेमे को अपना समर्थन दे रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे सहित शिवसेना के बारह लोकसभा सदस्यों ने पहले अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उनसे संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता को बदलने का अनुरोध किया. पार्टी के सदन के नेता विनायक राउत द्वारा लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र दिए जाने के एक दिन बाद शिवसेना के बागी सांसदों ने बिरला से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने प्रतिद्वंद्वी गुट के किसी भी निवेदन पर विचार न करने को कहा.
बिरला से मुलाकात करने वाले शिंदे गुट के 12 सांसदों में से एक हेमंत गोडसे ने कहा, ‘शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों ने अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और विनायक राउत के स्थान पर राहुल शेवाले को पार्टी के नेता के रूप में नियुक्त करने का अनुरोध किया.’ राउत ने सोमवार रात अध्यक्ष को सौंपे गए अपने पत्र में स्पष्ट किया था कि वह शिवसेना संसदीय दल के ‘विधिवत नियुक्त’ नेता हैं और राजन विचारे मुख्य सचेतक हैं.