नई दिल्ली। पॉल्यूशन मामले में शुक्रवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पॉल्यूशन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में अजीब दलील दे डाली। यूपी सरकार ने कोर्ट से कहा कि प्रदूषण की असल वजह पाकिस्तान से आ रही हवाएं हैं। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने यूपी सरकार से कहा कि ‘क्या आप चाहते हैं पाकिस्तान में इंडस्ट्री बंद करा दी जाए’। बता दें कि यूपी सरकार ने दिल्ली में बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर उत्तर प्रदेश की इंडस्ट्रियों का कोई रोल नहीं होने की बात भी कही। दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने दलील रखी। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में जो इंडस्ट्रीज हैं, हवा का बहाव उनकी तरफ है। पॉल्यूशन वाली हवा दिल्ली की तरफ नहीं जाती है। पाकिस्तान की ओर से आने वाली प्रदूषित हवा दिल्ली की हवा को खराब करने के लिए जिम्मेदार हैं। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश की गन्ना और दूध इंडस्ट्री पर 8 घंटे के रिस्ट्रक्शन की वजह से असर पड़ा है।’ वहीं चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने केंद्र और एनसीटी के हलफनामे का अध्यय किया है। हमने प्रस्तावित निर्देशों को ध्यान में रखा है। हम दिल्ली और केंद्र को 2 दिसंबर के आदेशों को लागू करने का निर्देश देते हैं। हम मामले को लंबित रखते हैं और अगले शुक्रवार यानी कि 10 दिसंबर को इस पर सुनवाई करेंगे। इधर दिल्ली-एनसीआर में जारी वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इसकी जानकारी दी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सरकार की तरफ से प्रदूषण से निपटने के लिए इंफोर्समेंट टास्क फोर्स और फ्लांइग स्क्वाड का गठन किया गया है। ये टास्क फोर्स पांच सदस्यों वाली है और इन्हें विधायी शक्तियां भी दी गई हैं। टास्क फोर्स के पास सजा देने और प्रिवेंटिव विधायी शक्तियां भी हैं।
Deewan Singh
Editor