दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की और विस्तृत आदेश का इंतजार किया गया।
स्वामी ने एयर इंडिया विनिवेश प्रक्रिया के संबंध में किसी भी कार्रवाई या निर्णय या किसी भी आगे की मंजूरी, अनुमति या परमिट को रद्द करने और रद्द करने की मांग करते हुए दावा किया कि यह “मनमाना, अवैध और सार्वजनिक हित के खिलाफ” था। उन्होंने दावा किया कि प्रक्रिया में एक पक्ष के पक्ष में धांधली की गई थी। उन्होंने दावा किया कि टाटा संस को अनुचित लाभ दिया गया। केंद्र और टाटा ने दावे को खारिज कर दिया।
मंगलवार को कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
स्वामी ने कहा कि वह विनिवेश की नीति का विरोध नहीं कर रहे थे और एक मुक्त बाजार के विचार में विश्वास करते थे, लेकिन इस प्रक्रिया में “अनुचित, अवैधता, कदाचार और भ्रष्टाचार” का मुद्दा उठा रहे थे।