सरकार ने उत्तर प्रदेश के बनारस से पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया है. एक्सप्रेसवे निर्माण की प्रक्रिया तेजी से जारी है. यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बनने वाले इस एक्सप्रेसवे के लिए झारखंड में भूमि अधिग्रहण होने लगा है. निर्माण कार्य पर नजर रखने के लिए एनएचएआई ने रामगढ़ में कार्यालय भी बना लिया है. मौजूदा रूट के अनुसार, वाराणसी से कोलकाता की दूरी लगभग 690 किमी है. इस दूरी को तय करने में अभी 12 से 14 घंटे लगते हैं. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi Kolkata Expressway) बनने से इन दोनों शहरों के बीच की दूरी 7 घंटे की रह जाएगी.
610 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे को बनाने में 28,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 8 लेन के इस एक्सप्रेसवे का ज्यादातर हिस्सा (242 किलोमीटर) पश्चिम बंगाल में बनेगा. इसके तैयार होने से यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को फायदा होगा. एक्सप्रेसवे बनने से यूपी, बिहार और झारखंड में व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. यूपी, बिहार और झारखंड में कोलकाता और हल्दिया बंदरगाहों से ही माल लाया ले जाया जाता है. एक्सप्रेसवे बनने से माल की आवाजाही जल्द होगी.
यहां से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi Kolkata Expressway) बरहुली गांव में वाराणसी रिंग रोड से शुरू होगा. बरहुली गांव उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में है. यूपी में वाराणसी-एक्सप्रेसवे केवल 22 किलोमीटर ही बनेगा. चंदौली जिले से यह बिहार में प्रवेश करेगा. बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिलों से गुजरने के बाद एक्सप्रेसवे झारखंड में प्रवेश करेगा. झारखंड के चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, पीटरबार और बोकारो से गुजरेगा. पश्चिम बंगाल में पुरुलिया, बांकुरा और आरामबाग से होकर यह गुजरेगा. वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे उलुबेरिया में नेशनल हाईवे 19 पर समाप्त होगा. उलुबेरिया कोलकाता से कुछ ही दूरी पर है.
अभी क्या है स्थिति
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) 6 लेन वाले वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण हेतु बोलियां आमंत्रित कर रहा है. झारखंड में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 187 किलोमीटर है. झारखंड में इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 8 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. झारखंड में छह हिस्सों में निर्माण के लिए एजेंसियों का चयन कर लिया गया है. औपचारिकताएं पूरी कर जल्द निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.