नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज एक बार फिर मन की बात कार्यक्रम के तहत देशवासियों को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री संग्रहालय से लेकर जल संरक्षण तक का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है। देश के लिए यह गौरव की बात है कि आजादी का अमृत महोत्सव एक जन.आंदोलन का रूप ले रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास को लेकर लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ रही है और ऐसे में पीएम म्यूजियम युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है जो देश की अनमोल विरासत से उन्हें जोड़ रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा को लेकर भी बात की। कहा कि परीक्षा पर चर्चा के दौरान कुछ विद्यार्थियों ने कहा था कि उन्हें गणित से बहुत डर लगता है। साथियों गणित तो ऐसा विषय है जिसे लेकर हम भारतीयों को सबसे ज्यादा सहज होना चाहिए। आखिर गणित को लेकर पूरी दुनिया के लिए सबसे ज्यादा शोध और योगदान भारत के लोगों ने ही तो दिया है। पीएम ने कहा कैलकुलस और कम्प्यूटर्स तक ये सारे वैज्ञानिक आविष्कार जीरो पर ही तो आधारित हैं। शून्य यानी जीरो की खोज और उसके महत्व के बारे में आपने खूब सुना होगा। अगर जीरो की खोज न होती तो दुनिया की इतनी वैज्ञानिक प्रगति भी न देख पाती। पीएम ने कहा कि हम भारतीयों के लिए गणित कभी मुश्किल विषय नहीं रहा, इसका सबसे बड़ा कारण हामारी वैदिक गणित भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने भीम यूपीआई का जिक्र करते हुए लोगों को इसकी तरफ बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको पैसे जेब में रखने की कोई जरूरत नहीं है। इसकी वजह से देश में बड़ी डिजिटल इकनामी तैयार हुई है। इस दौरान 20 लाख करोड़ तक का डिजिटल लेनदेन हुआ है। उन्होंंने इस दिशा में लोगों से अपने अनुभव को साझा करने की भी अपील की।
Deewan Singh
Editor