Shiromani Gurdwara parbandhak committee के अध्यक्ष गुरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को बताया की स्वर्ण मंदिर को अपवित्र करने आया आदमी को पहले से कमांडो ट्रेनिंग मिली हुई थी और यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।
SGPC अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वह आदमी 6 फीट की रेलिंग को 6 सेकेंड के अंदर पार करता हुआ मंदिर के अंदर घुस आया जो एक आम आदमी के लिए संभव नहीं था। उन्होंने यह भी बताया,” कानून इस बात की आज्ञा देता है की आत्मरक्षा के लिए आप किसी की जान ले सकते हैं और स्वर्ण मंदिर में उस दिन यही हुआ।”
उन्होंने रिपोर्टरों को बताया कि पहले एसजीपीसी के रक्षकों ने उस इंसान को मंदिर में घुसने से रोक दिया था क्योंकि वहां गलत इंसान प्रतीत होता था लेकिन दिन के समय जब बॉडीगार्ड बदले गए तब वह इंसान इसका फायदा उठाकर अंदर आ गया।
यह सवाल पर कि क्या SGPC टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा उसे मारा गया पर उन्होंने जवाब दिया की स्वर्ण मंदिर के अंदर भक्त इस घटना पर बहुत नाराज थे और जब तक एसजीपीसी के सदस्य कुछ कर पाते इससे पहले ही भक्तों ने उसे घेर कर मार डाला।