पंजाब पुलिस का खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसता जा रहा है. उसके ठिकानों और करीबियों पर लगातार छापेमारी चल रही है. पुलिस ने उसकी पत्नी किरणदीप कौर, पिता तरसेम सिंह और माता बलविंदर कौर से पूछताछ की है. इस दौरान कई अहम बातें सामने आई हैं. हालांकि, तीनों ने विदेशी फंडिंग के आरोपों को नकारा है. पुलिस टीम ने अमृतपाल के घर जाकर किरणदीप से विदेशी फंडिंग को लेकर करीब 40 मिनट तक सवाल किए. इस टीम के तीन अधिकारियों में एक महिला अधिकारी भी थी.
सूत्रों के मुताबिक, किरणदीप कौर ने पुलिस को बताया है कि अमृतपाल और उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के माध्यम से हुई थी. खालिस्तान को लेकर दोनों की विचारधारा एक समान थी. इसलिए दोनों के संबंध गहरे हो गए और 10 फरवरी को शादी कर ली. पूछताछ के दौरान महिला पुलिस अधिकारी ने किरणदीप से सवाल किया कि वह क्या काम करती हैं, कब से ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के साथ जुड़ी हैं और कब-कब इस संगठन के लिए पैसा जुटाया गया?
किरणदीप ने सभी आरोपों को खारिज किया
हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने अमृतपाल के परिवार के साथ हुई बातचीत मीडिया से शेयर नहीं की है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि किरणदीप ने सभी आरोपों को खारिज किया है. किरणदीप कौर की सास बलविंदर कौर ने कहा कि उसकी बहू कामकाजी है. वह शादी के बाद ऑनलाइन ही अपना काम करती है. वह ब्रिटिश नागरिक है. इसलिए उसके खातों पर क्यों सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
खालिस्तान से कोई संबंध नहीं- तरसेम सिंह
उधर, अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने पुलिस अधिकारियों से दो टूक कहा है कि उनका खालिस्तान से कोई संबंध नहीं है और न ही विदेशों से कोई फंडिंग हुई है. पता चला है कि पता चला है कि ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया अमृतपाल 19 मार्च की देर रात कुरुक्षेत्र के शाहबाद पहुंचा था. यहां एक महिला के साथ रुका था. हरियाणा पुलिस ने एक महिला समेत कई लोगों को पकड़कर पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया है.
बॉर्डर पर BSF और SSB अलर्ट
सूत्रों के अनुसार, अमृतपाल पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में कहीं छिपा हो सकता है. इन सभी राज्यों की पुलिस से मदद ली जा रही है. अमृतपाल विदेश न भाग पाए, इसके लिए पहले से ही पाकिस्तान और नेपाल से सटे बॉर्डर पर BSF और SSB अलर्ट पर है.
खुपुरा गुरुद्वारा में 50 मिनट तक रुका
अमृतपाल 18 मार्च की देर रात जालंधर से लुधियाना में दाखिल हो गया था. उसने अपने 4 साथियों को जालंधर में ही छोड़ दिया था. वह 18 मार्च को खुपुरा गुरुद्वारा में 50 मिनट तक रुका, जहां गुरुद्वारा के ग्रंथी ने 1 बाइक और एक स्कूटी मंगवाई. यहां रात तकरीबन 9:30 बजे अमृतपाल स्कूटी पर सवार हुआ. स्कूटी ग्रंथी का बेटा चला रहा था. बाइक पर अमृतपाल का खास पप्पनप्रीत भी था. गुरुद्वारा से स्कूटी और बाइक अलग-अलग रूट पर निकल गई.
स्कूटी से Hardy’s World पार्क पहुंचा था अमृतपाल
बताया जा रहा है कि अमृतपाल स्कूटी से लुधियाना में Hardy’s World पार्क पहुंचा. वहां ऑटो में अकेला बैठकर निकल गया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जालंधर के शेखुपुरा के जिस गुरुद्वारा में अमृतपाल रुका था, उसके ग्रंथी ने गुरुद्वारे का सीसीटीवी फुटेज डिलीट कर दिया था. पुलिस ने ग्रंथी के साथ ही बाइक व स्कूटी से अमृतपाल व पप्पनप्रीत को छोड़ने वाले दोनों लड़कों को हिरासत में लिया है.
इससे पहले भगोड़े खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें वह जुगाड़ में बैठकर जाता दिखा था. बताया जा रहा है कि यह फोटो जालंधर से 40 किलोमीटर दूर फ्लोर इलाके की है. इसमें अमृतपाल ने गुलाबी पगड़ी पहन रखी थी और काला चश्मा लगाए हुए था. उसके साथ एक और शख्स नजर आ रहा है, जो जुगाड़ पर रखी उसकी बाइक को पकड़कर बैठा है.
बता दें कि पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह की कुछ तस्वीरें जारी की हैं. पुलिस लगातार उसे पकड़ने का प्रयास करने में जुटी है, लेकिन वह अब तक गिरफ्त में नहीं आ सका है. पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है.