14,11,2022, नई दिल्ली: उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर धमाका मामले की प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. NIA के सूत्रों का कहना है कि मौके से बरामद किए गए विस्फोटकों की प्राथमिक जांच में पता चला है कि इसे सोलर इंडस्ट्रीज कंपनी बनाती थी. रेलवे पुलिया और पटरी को उड़ाने के लिए जिस विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था, उसका नाम इमल्शन है. इससे पहले जांच अधिकारियों ने बताया था कि तकरीबन 10 से 15 मीटर लंबी तार के जरिये फ्यूज को जलाकर विस्फोट किया गया होगा. जांच एजेंसियां टेरर एंगल और स्थानीय विवाद समेत 3 मुद्दों को ध्यान में रखते हुए मामले की छानबीन कर रही हैं. धमाका करने वाले आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी है और वे गिरफ्त से बाहर हैं.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक मौके से बरामद विस्फोटकों की प्राथमिक जांच में पता चला है कि इसे सोलर इंडस्ट्रीज कंपनी बनाती थी. यह भी पता चला है कि इस धमाके में इमल्शन एक्सप्लोसिव के सुपर पावर 90 वेरिएंट का इस्तेमाल किया गया. धमाके के लिए तैयार की गई किट की तकनीकी दक्षता रेंज सोफेस्टिकेटेड से माडियम के बीच की है. सूत्रों की मानें तो उदयपुर धमाके में कमर्शियल एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किया गया. यह भी बताया गया है कि ऐसे विस्फोटकों का इस्तेमाल आमतौर पर माइनिंग गतिविधियों के लिए किया जाता है.
सर्किट बेहद उन्नत
जानकारी के अनुसार, ब्लास्ट की सर्किट को बेहद उन्नत उपकरणों से बनाया गया था. NIA जल्द ही इस मामले में FIR दर्ज कर छानबीन शुरू करेगी. NIA की टीम मौके पर पहुंच कर धमाके से जुड़े सबूत इकट्ठा किए हैं. ब्लास्ट में इस्तेमाल एक्सपलोसिव के ट्रेसेस भी इकट्ठा किए गए हैं. इसके साथ ही एनएसजी कमांडो उदयपुर पहुंचकर रेलवे ट्रैक की जांच-पड़ताल कर रहे हैं. एटीएस, एनआईए और खुफिया एजेंसी सहित तमाम टीमें मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन कर रही हैं.
कुछ देर पहले ही गुजरी थी ट्रेन
रेलवे पुलिया पर धमाके से 4 घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी. घटना के बाद अहमदाबाद से उदयपुर आ रही ट्रेन को डूंगरपुर में रोक दिया गया. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस लाइन का उद्घाटन किया था. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि मौके पर ATS, NIA और रेल पुलिस जांच कर रही है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.