नई दिल्ली. एक पखवाड़े पहले तक असद अहमद (Asad Ahmed) नामक युवक के खिलाफ कोई क्रिमिनल केस दर्ज नहीं था. लेकिन 24 फरवरी को प्रयागराज (Prayagraj) की एक व्यस्त सड़क पर दिनदहाड़े उमेश पाल की हत्या (Umesh Pal Murder Case) करने वाले आधा दर्जन शूटरों की अगुवाई करने के बाद अब वह उत्तर प्रदेश का ‘मोस्ट वांटेड’ (Most Wanted) शख्स बन गया है. पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में हैं. जबकि दो अन्य शूटरों को अब तक मुठभेड़ों में मार गिराया गया है. शूटर अरबाज के बाद अब एक दूसरे शूटर उस्मान को भी पुलिस ने मुठभेढ़ में मार गिराया है. असद गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का तीसरा बेटा है. कहा जाता है कि अपने दो बड़े भाइयों के कोर्ट में सरेंडर करने के बाद पिछले साल अगस्त में असद ने अतीक अहमद के खूंखार गिरोह की बागडोर संभाली थी.
यूपी पुलिस के सूत्रों ने बताया कि असद लखनऊ से अपने गिरोह को चलाने का काम करता था. जहां से उसने एक टॉप स्कूल से 12वीं कक्षा पास की थी. आगे की पढ़ाई के लिए असद विदेश नहीं जा सका. क्योंकि उसके परिवार के क्रिमिनल बैकग्राउंड के कारण उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हो सका था. उमेश पाल की हत्या के समय सीसीटीवी फुटेज में कैद होने से पहले तक असद पुलिस के रडार पर नहीं था. अब असद पर उसके परिवार के किसी भी अन्य मेंबर की तुलना में सबसे ज्यादा 2.5 लाख रुपये का इनाम घोषित है. उसके पिता अतीक अहमद गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं, जबकि उसके चाचा अशरफ यूपी की बरेली जेल में बंद हैं. इन दोनों की गैर-मौजूदगी में अतीक के दो बड़े बेटे उमर और अली, पिछले कुछ साल से उनके खूंखार गैंग को चलाते थे. जबकि उस समय असद पढ़ाई कर रहा था.
असद ने ही दूसरे शूटरों को ललकारा
पुलिस को संदेह है कि असद ने उमेश पाल की हत्या की योजना बनाने के लिए जेल से अतीक और अशरफ से निर्देश हासिल किए थे. उमेश पाल की अतीक अहमद के परिवार से लंबे समय से दुश्मनी थी. कहा जाता है कि असद ने ही दूसरे शूटरों को ललकारा था. उसे एक एसयूवी से निकलते हुए और पिस्टल से उमेश पाल पर गोली चलाते हुए सीसीटीवी में देखा गया है. बताया जाता है कि अपने दोनों बड़े भाइयों के जेल जाने के बाद असद ने अतीक गैंग को चलाने का जिम्मा संभाल लिया था. अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर 2018 में तब सुर्खियों में आया, जब उसने लखनऊ में एक प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल का अपहरण कर लिया. उमर उसे देवरिया जेल ले गया, जहां अतीक अहमद बंद था. रंगदारी न देने पर जायसवाल से मारपीट की गई थी. अतीक के दूसरे बेटे अली पर भी हत्या की कोशिश और रंगदारी के मामले दर्ज हैं.
असद के नेपाल भागने की शंका
जब पुलिस ने दोनों पर इनाम घोषित किया तो दोनों भाइयों ने पिछले साल जुलाई में जल्दी-जल्दी अदालतों में सरेंडर कर दिया था. उन्हें डर था कि पुलिस मुठभेड़ों में उनका सफाया भी कर सकती है. यूपी पुलिस के अधिकारियों को शक है कि इसके बाद ही असद ने अपने पिता अतीक के गिरोह की बागडोर संभाल ली. अतीक अहमद के दो और बेटे आजम और अबान हैं. ये दोनों अभी नाबालिग हैं और 10वीं और 8वीं क्लास में पढ़ते हैं. आजम और अबान इस समय एक किशोर केंद्र (juvenile centre) में बंद हैं. पुलिस ने कहा कि उमेश पाल की हत्या के बाद उन दोनों को आवारा घूमते पाया गया था. जबकि उनकी मां शाइस्ता परवीन ने अदालत में एक अर्जी दायर करके कहा कि पुलिस उन दोनों को घर से उठाकर ले गई थी. परवीन भी उमेश पाल हत्या के मामले में आरोपी हैं और अब लापता बताई जा रही हैं. कुछ लोगों को शक है कि उमेश पाल की हत्या करने के बाद असद नेपाल भाग गया होगा. बहरहाल यूपी पुलिस ने उसकी तलाश में छापेमारी का बड़ा अभियान शुरू कर दिया है.