नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारिणी की 42वीं बैठक एनएमसीजी के महानिदेशक जी. अशोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक के दौरान समिति ने लगभग 660 रुपये की अनुमानित लागत वाली 11 परियोजनाओं को मंजूरी दी। जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई उनमें हिंडन नदी को ‘सहारनपुर टाउन के लिए रोकने, रास्ता बदलने और शोधन कार्य’, गढ़ मुक्तेश्वर में ‘चामुंडा माई तालाब का कायाकल्प’, मंदसौर, मध्य प्रदेश में ‘शिवना नदी का पर्यावरण उन्नयन’, जल और ऊर्जा की बचत पर प्राकृतिक खेती कार्यों का ‘मूल्यांकन’ और मेमब्रेन आधारित मिट्टी रहित कृषि का कार्यान्वयन’ शामिल हैं। कल्याणी, पश्चिम बंगाल में ‘इलेक्ट्रिक श्मशान का निर्माण’ और पौढ़ी गढ़वाल में ‘श्मशान घाट का विकास’ सहित श्मशान से संबंधित दो परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा बद्रीनाथ में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की दो परियोजनाओं को भी हरी झंडी दी गई। उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में सीवेज प्रबंधन की दो बड़ी परियोजनाओं को भी बैठक में मंजूरी दी गई। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिंडन नदी की सफाई के लिए सीवेज प्रबंधन की एक बड़ी परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना की अनुमानित लागत 577.23 करोड़ रुपये है जिसमें 135 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, अवरोधन और रास्ता बदलने की संरचनाओं का निर्माण और सीवर लाइन बिछाना आदि शामिल हैं। इसे कार्यकारिणी की बैठक के दौरान मंजूरी दी गई। नमामि गंगे कार्यक्रम का मुख्य फोकस गंगा की सहायक नदियों की सफाई करना रहा है। इस कार्यकारी समिति की 42वीं बैठक में कार्यकारी निदेशक (प्रशासन), एस.पी. वशिष्ठ, एनएमसीजी के उप महानिदेशक भास्कर दासगुप्ता, कार्यकारी निदेशक (वित्त), एस.आर. मीणा और जल शक्ति मंत्रालय जेएस एंड एफए, डीओडब्ल्यूआर, आरडी एंड जीआर ऋचा मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
Deewan Singh
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